मुफ्ती अब्बास ने आतंकी संगठन आइएसआइएस का विरोध करते हुए कहा कि रसूल ने कहा है कि वो मुसलमान ही नहीं,जो अपनी जबान से तकलीफ दे, यानी अपने शब्दों से आहत करे, शब्दों से जो आहत करे वह मुसलमान नहीं है, फिर उसे क्या कहोगे जो लोगों का खून बहाता है अौर सिर काटता है. मुफ्ती अब्बास ने कहा कि इसलाम मोहब्बत का पैगाम देता है.
आइएस का विरोध करते हुए कहा कि इन लोगों का कोई धर्म नहीं है. मुफ्ती अब्बास ने इमाम हुसैन की मदीने से रुखसती को बयां किया. नौहा ख्वानी खुर्शीद मेहंदी अौर जिशान ने पढ़े. इस अवसर पर हुसैनी मिशन कमेटी के अध्यक्ष एसआर रिजवी छब्बन, सचिव राशिद रिजवी, मुनीर हुसैन समेत कमेटी के अन्य पदाधिकारी अौर शहर के शिया समुदाय के लोग उपस्थित थे. दूसरी अोर साकची मोहिनी रोड में हुसैनी वेलफेयर मिशन में बरेली से आये मौलाना शबाब वास्ती ने मजलीस की. उन्होंने कहा कि यजीद ने पैगंबर ए अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) के नवासे इमाम हुसैन अ. से बैयत तलब की, लेकिन हुसैन ने बैयत से इनकार कर दिया.यजीद की फौज ने इमाम हुसैन के काफिले को करबला में घेर लिया अौर उन्हें भूखा-प्यासा शहीद कर दिया.मजलिस में मिशन के सचिव सैय्यद मोहम्मद हैदर रिजवी, कमर रिजवी मौजूद थे. कपाली में मौलाना शमसुद्दीन, मो. हारून रशीद नूरी, शफिक अहमद कादरी पुरुलिया आदि ने खिताबत की.