नौ माह बाद भी फंसा है जमीन का पेंच-बागबेड़ा व छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजनाआदित्यपुर. विश्व बैंक पोषित छोटागोविंदपुर-बागबेड़ा पाइप लाइन ग्रामीण जलापूर्ति योजना अब तक जमीनी स्तर पर शुरू नहीं हो सकी है. 238 करोड़ रुपये की दोनों जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बागबेड़ा में इसका शिलान्यास किया था अौर दो साल में योजना चालू करने की घोषणा की थी. इन दोनों जलापूर्ति योजनाओं के लिए 14 जगहों पर जमीन चाहिए. इसमें सुवर्णरेखा व खरकई नदी में इंटेकवेल, दो स्थानों पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) व दस जलमीनार के लिए भूमि चाहिये. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छोटागोविंदपुर के लिए वन विभाग से एनओसी मिलने की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है. नदी में इंटेकवेल के लिए सिंचाई विभाग से कॉन्सेंट लेना है. टेल्को में डब्ल्यूटीपी जलमीनार के लिए जमीन चाहिये. इसके लिए टाटा मोटर्स से एनओसी लेना है. सरकार ने लीज पर जमीन कंपनी को दी थी. कंपनी सबलीज करना चाहती थी, लेकिन विभाग ने इसे अस्वीकृत दिया और जनहित में एनओसी मांगा है. विभाग के इइ पीके सिंह ने बताया कि दोनों योजनाओं के लिए जमीन की व्यवस्था की कोशिश की जा रही है. इसके बाद डिजाइन व ड्राइंग एप्रूव होगा.
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नौ माह बाद भी फंसा है जमीन का पेंच
नौ माह बाद भी फंसा है जमीन का पेंच-बागबेड़ा व छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजनाआदित्यपुर. विश्व बैंक पोषित छोटागोविंदपुर-बागबेड़ा पाइप लाइन ग्रामीण जलापूर्ति योजना अब तक जमीनी स्तर पर शुरू नहीं हो सकी है. 238 करोड़ रुपये की दोनों जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बागबेड़ा में इसका शिलान्यास किया था अौर दो […]
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