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तोके निये जाबो मेला ते… :::: फोटो डीएस 1 व 2

तोके निये जाबो मेला ते… :::: फोटो डीएस 1 व 2फ्लैग ::: आदिवासी-मूलवासियों के टुसू पर्व का आगाज बाउंडी के साथ 13 को होगालाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरके दिलो रे लाल साड़ी…, एक तारीके ना लो दू तारीके-तोके निये जाबो मेला ते…सरीखे गीत सुदूर गांवों में सुनायी देने लगे हैं. आदिवासी-मूलवासियों के टुसू महापर्व को महज […]

तोके निये जाबो मेला ते… :::: फोटो डीएस 1 व 2फ्लैग ::: आदिवासी-मूलवासियों के टुसू पर्व का आगाज बाउंडी के साथ 13 को होगालाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरके दिलो रे लाल साड़ी…, एक तारीके ना लो दू तारीके-तोके निये जाबो मेला ते…सरीखे गीत सुदूर गांवों में सुनायी देने लगे हैं. आदिवासी-मूलवासियों के टुसू महापर्व को महज 5 से 6 दिन ही शेष रह गये हैं. 13 जनवरी को बाउंडी अनुष्ठान से शुरू हो रहे इस महापर्व के बाद अगले 15 दिनों तक झारखंड समेत ओडि़शा व पंश्चिम बंगाल टुसू के गीतों व मांदर-नगाड़े की थाप से टुसूमय हो जायेगा. इस दौरान खेतीबाड़ी व नौकरी-चाकरी को भूलकर लोग टुसू मेला के आनंदोत्सव में सराबोर हो जायेंगे. विदित हो कि टुसू पर्व के दौरान मजदूरों की कमी होने से होटलों में एक कप चाय मिलना भी मुश्किल हो जाता है. कई प्रतिष्ठान तो 15 दिनों तक बंद रहते हैं. जमकर कर रहे खरीदारी कटकटाती ठंड के बावजूद टुसू पर्व ने बाजार को गर्म कर दिया है. पर्व की तैयारियों के क्रम में लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. कपड़ों, पारंपरिक पकवान छांका पीठा व गुड पीठा को बनाने के लिए मिट्टी के बरतनों की खरीदारी चरम पर है. दरअसल, नये मिट्टी के बरतन में ही पूजा के लिए गुड़ पीठा बनाने की परंपरा है. आस्था की डूबकी लगायेंगे लोग मकर संक्रांति व टुसू के मौके पर लोग स्थानीय जलाशयों में आस्था की डुबकी लगायेंगे. इसे ग्रामीण क्षेत्रों में मकर डूब भी कहा जाता है. यह पवित्र स्नान है. ग्रामीण जलाशय के समीप सूर्योदय से पूर्व ही एकजुट होकर सभी खुशी की माहौल में स्नान करते हैं. उसके बाद नये वस्त्र पहन कर गुड़ पीठा का लुत्फ उठाया जाता है. इन जगहों में लगेगा टुसू मेलाबिष्टुपुर गोपाल मैदान, सोनारी-दोमुहानी, भुइयांडीह सीतारामपुर डैम, बिरसानगर, आदित्यपुर फुटबॉल मैदान, सालडीह, आसंगी, बाेंबोंगा, खांकड़ा, झलकडीह, महुलडीह, बांसुड़दा, पीपला, जादूगोड़ा, कालापाथर व इचड़ा, तिलाईटांड, भुइयांसिनान, कुलडीहा, लखनडीह, गोपालपुर, सोहदा, खड़िया कॉलोनी, भाटीन, राखा माइंस स्टेशन, तुडी, रोहोड़ जुड़ी, बारूदरहा, काशीदा आदि. लाल-धोबो मुर्गे की रेट बढ़ी टुसू पर्व में कई लोग मुर्गा लड़ाकर अपना जतरा देखते हैं. यह पुराना प्रचलन है. इस प्रचलन के चलते इन दिनों लाल-धोबो मुर्गे की रेट अचानक से बढ़ गयी है. देशी मुर्गा की कीमत 4 से 6 हजार के बीच है. वहीं बड़ी प्रजाति का हाजरा मुर्गा 5 से 12 हजार के बीच बिक रहा है.

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