जेल प्रशासन ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए हजारीबाग जेल में बंद चैताली को दुमका और रिजवान को डाल्टनगंज जेल शिफ्ट कर दिया. प्यार की राह में रोड़ा बनने पर सोलह साल पहले अपने ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर चैताली और रिजवान चरचा में आये थे. घोड़ाबांधा निवासी चैताली और बारीनगर निवासी उसका प्रेमी रिजवान ने शुभेन्दु भौमिक (पिता), मां लकी भौमिक, नानी अनिता राय व भाई कल्याण भौमिक की हत्या कर शवों को घर के पीछे शौचालय की टंकी में डाल कर ऊपर से सीमेंट से ढंक दिया था.
धीरे- धीरे उनकी मुलाकात प्यार में बदल गयी. चैताली के परिजनों ने रिजवान से दोस्ती पर नाराजगी जतायी. भौमिक परिवार नहीं चाहता था कि रिजवान की चैताली से दोस्ती बढ़े, लेकिन दोनों के बीच प्यार का परवान इस कदर बढ़ चुका था कि चैताली गर्भवती हो गयी. भौमिक परिवार दोनों की शादी के लिए सहमत नहीं होने पर दोनों ने पूरे परिवार का ही सफाया करने की योजना बना डाली. स्थानीय कोर्ट ने चारों की हत्या के आरोप में चैताली एवं रिजवान को फांसी की सजा सुनायी थी. जिसे हाइकोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया था. तब से चैताली एवं रिजवान जेल में सजा काट रहे है. जेल में ही चैताली ने एक बच्चे को जन्म दिया. घाघीडीह सेंट्रल जेल, रांची होटवार जेल और अब हजारीबाग जेल में दोनों ने सजा काटी. जेल में चैताली बच्चों को पढ़ाती है.