अंतर्मन में समाहित हुई मां शारदा की जीवनी (मनमोहन)संवाददाता, जमशेदपुरमां शारदा देवी के जीवन में उनके अति विकसित प्रेमभाव ने ऊंच-नीच, ज्ञान-अज्ञान, धर्म-अधर्म की सीमाएं पार कर ली थी. उनकी शरण में आनेवाला हर व्यक्ति उनके लिये पुत्र के समान था. उनके वात्सल्य और ममतामयी व्यवहार से कई अपराधी सही रास्ते पर आ गये. उक्त बातें भारत सेवाश्रम संघ के शुभ्रानंद महाराज ने कही. वे मां शारदा के जीवन की घटनाअों का उल्लेख उनके स्वभाव के साथ जोड़ते हुए कर रहे थे. श्री शारदा संघ का 52वां सर्वभारतीय सम्मेलन के तीसरे दिन कार्यक्रम का मुख्य अधिवेशन सोनारी स्थित भारत सेवाश्रम में हुआ. इस दौरान डॉ रंजीत चौधरी ने मां के जीवन की उन घटनाअों का उल्लेख किया, लोगों के लिए आदर्श है. संस्था के अॉल इंडिया सचिव मंजू मुखर्जी के नेतृत्व में कोलकाता ने मां शारदा पर गीत पेश किया. वहीं हाता से आये सुनील दे व उनकी टीम ने भक्ति गीतों की वर्षा की. अंतिम चरण में झरणा कर का हास्य नाटक श्री दुर्गार विदेश यात्रा की प्रस्तुति चंदना चटर्जी, मानसी मजूमदार, बुलबुल घोष, मंजु चक्रवर्ती, सुप्रीति विश्वास, भारती भट्टाचार्य व अन्य ने दी.
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अंतर्मन में समाहित हुई मां शारदा की जीवनी (मनमोहन)
अंतर्मन में समाहित हुई मां शारदा की जीवनी (मनमोहन)संवाददाता, जमशेदपुरमां शारदा देवी के जीवन में उनके अति विकसित प्रेमभाव ने ऊंच-नीच, ज्ञान-अज्ञान, धर्म-अधर्म की सीमाएं पार कर ली थी. उनकी शरण में आनेवाला हर व्यक्ति उनके लिये पुत्र के समान था. उनके वात्सल्य और ममतामयी व्यवहार से कई अपराधी सही रास्ते पर आ गये. उक्त […]
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