अंबुवाची 22 को आधी रात से25 को दिन 1:14 बजे होगा संपन्नउसके बाद खुलेंगे मंदिरों के द्वारजमशेदपुर. आगामी 22 जून की रात्रि 12:50:58 बजे से अंबुवाची आरंभ हो रहा है. इसके पश्चात चार दिनों तक सभी देवी मंदिरों के कपाट पूजा-पाठ एवं श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे. इस दौरान न तो कोई पूजा होगी और न ही श्रद्धालु मां के दर्शन कर पायेंगे. चार दिन बाद 25 जून को दिन 1:13:58 बजे अंबुवाची संपन्न होगा, जिसके बाद माता के पुन: शृंगार के पश्चात पहले मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होगी, जिसके बाद ही माता मंदिर के कपाट खोले जायेंगे तथा श्रद्धालु उनके दर्शन करने के साथ ही पूजा-अर्चना आदि कर पायेंगे.क्या है अंबुवाची पर्वअंबुवाची वास्तव में असम के कामाख्या धाम स्थित मां कामाख्या के ऋतु धर्म से जुड़ा पर्व है. माना जाता है कि इस काल में मां कामाख्या रजस्वला होती हैं, जिसके कारण मंदिर के कपाट दर्शकों के लिए बंद कर दिये जाते हैं तथा उस दौरान उनकी पूजा-अर्चना भी बंद रहती है. चौथे दिन (अंबुवाची समाप्त होने के बाद) माता का पुन: शृंगार किया जाता है, जिसके बाद उनकी विशेष पूजा होती है. उसके पश्चात ही मंदिर के कपाट खुलते हैं तथा श्रद्धालु उसके बाद ही उनके दर्शन करने के साथ ही पूजा-अर्चना भी कर पाते हैं. इस दौरान कामाख्या मंदिर में पांच दिवसीय मेला भी लगता है. अंबु वाची के दौरान नगर के सभी देवी मंदिरों में भी अंबुवाची आस्था पूर्वक मनाया जाता है.
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कल रात से चार दिन बंद रहेंगे देवी मंदिरों के कपाट
अंबुवाची 22 को आधी रात से25 को दिन 1:14 बजे होगा संपन्नउसके बाद खुलेंगे मंदिरों के द्वारजमशेदपुर. आगामी 22 जून की रात्रि 12:50:58 बजे से अंबुवाची आरंभ हो रहा है. इसके पश्चात चार दिनों तक सभी देवी मंदिरों के कपाट पूजा-पाठ एवं श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे. इस दौरान न तो कोई पूजा होगी और […]
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