25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टाटा स्टील ग्रुप: टाटा स्टील को 331 करोड़ का लाभ

जमशेदपुर: टाटा स्टील समूह ने 31 मार्च, 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2014-15 का वित्तीय परिणाम समेकित तौर पर घोषित किया है. कंपनी ने इस दौरान 26.32 मिलियन टन व चौथी तिमाही में 7.06 मिलियन टन की रिकॉर्ड डिलिवरी की. इस दौरान कंपनी का टर्नओवर 139,504 करोड़ रुपये रहा, जबकि अंतिम तिमाही के दौरान टर्नओवर […]

जमशेदपुर: टाटा स्टील समूह ने 31 मार्च, 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2014-15 का वित्तीय परिणाम समेकित तौर पर घोषित किया है. कंपनी ने इस दौरान 26.32 मिलियन टन व चौथी तिमाही में 7.06 मिलियन टन की रिकॉर्ड डिलिवरी की. इस दौरान कंपनी का टर्नओवर 139,504 करोड़ रुपये रहा, जबकि अंतिम तिमाही के दौरान टर्नओवर 33,666 करोड़ रुपये था. कंपनी ने प्रति शेयर 8 रुपये का इक्विटी लाभांष घोषित किया.

भारतीय इस्पात उद्योग में इस्पात की खपत की मांग में गिरावट देखी गयी. कम कीमत होने के कारण चीन, जापान और कोरिया से आयात में बढ़ोतरी हुई है. इसकी वजह से इस्पात की कीमत में तेजी से सुधार हुआ है. इन सभी चुनौतियों के बावजूद कंपनी के भारतीय ऑपरेशन्स ने हॉट मेटल, क्रूड स्टील एवं बिक्री योग्य स्टील का सर्वाधिक उत्पादन किया.

अपने व्यवसाय के महत्वपूर्ण सेगमेंट में डिलिवरी में सफलतापूर्वक इजाफा किया. इसी तरह यूरोप में मांग और ऑपरेशन से संबंधित कठिनाइयों के बावजूद वॉल्यूम स्थिर रहा. निम्न टर्नओवर के कारण विक्र य मूल्य में कमी आयी. इसके बावजूद ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार हुआ. टैक्स देने के पूर्व का मुनाफा पॉजिटिव रहा. वहीं, दक्षिण पूर्व एशियाई ऑपरेशंस कमजोर मांग एवं रिबार-स्क्र ैप स्प्रेड में संकुचन तथा चीन से आयात में बढ़ोतरी की वजह से प्रभावित हुए. सिंगापुर में नैटस्टील के ऑपरेशन्स में डिलिवरी में बढ़ोतरी हुई, हालांकि चीन में डिलिवरी में कमी आयी. टाटा स्टील थाईलैंड ने भी चौथी तिमाही में बिक्री में इजाफा दर्ज किया. साथ ही वैल्यू ऐडेड रिबार की बिक्री बढ़ी.
टाटा स्टील ने निवेश लक्ष्य घटाया
मार्च तिमाही में 5,674 करोड़ रुपये का भारी घाटा दर्ज करने वाली टाटा स्टील ने कहा है कि वह चालू वित्त वर्ष के दौरान 10,000 करोड़ रपये का निवेश करेगी. कंपनी को उम्मीद है कि अगली कुछ तिमाहियांे में मांग की स्थिति में सुधार होगा. टाटा स्टील समूह के कार्यकारी निदेशक कौशिक चटर्जी ने कहा, ‘‘हम चालू साल में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. यह 2014-15 में किए गए निवेश 13,500 करोड़ रपये से 20 से 25 प्रतिशत कम है. वित्त वर्ष 2013-14 में हमने 16,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था.’’ उन्हांेने कहा कि यह कटौती इसलिए की जा रही है, क्यांेकि ओड़िशा की उसकी ग्रीनफील्ड परियोजना पूर्ण होने के करीब है. उसने इस परियोजना में पहले ही 21,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
बेहतर प्रदर्शन, और बेहतर होगी स्थिति
‘‘इस्पात उद्योग के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण वर्ष साबित हुआ. कई मोरचों पर उतार-चढ़ाव देखे गये. इसके बावजूद, हमने उद्योग की तुलना में बेहतर प्रदर्शन जारी रखा. इस्पात के बाजार में अपेक्षाकृत स्थिरता के बावजूद विकास दर्ज किया. मार्केटिंग फ्रेंचाइज पर विशेष ध्यान, ग्राहकों के साथ मजबूत रिश्ते एवं लागत में कटौती के लिए किये गये प्रयासों के बल पर हमने प्रतिकूल व्यावसायिक माहौल के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया. वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान आयात में बढ़ोतरी एवं घरेलू मांग में मंदी की वजह से स्टील रियलाइजेशन में काफी कमी आयी. इसके अलावा, वर्ष के दौरान खनन गतिविधियों के बाधित होने की वजह से भी हमारे प्रदर्शन पर असर पड़ा. हमें उम्मीद है कि सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के परिणामस्वरूप इस वित्तीय वर्ष के दौरान प्रमुख औद्योगिक एवं अवसंरचनात्मक क्षेत्रों में ज्यादा निवेश की वजह से इस्पात की मांग में इजाफा होगा. हम कलिंगानगर, ओड़िशा में 3 मिलियन टन प्रतिवर्ष के ग्रीनफील्ड विस्तारीकरण पर ध्यान दे रहे हैं. उम्मीद है कि यह इसी वर्ष कमीशन हो जाएगा. इसके अलावा, हमारे गोपालपुर फेरो-क्रोम प्लांट के पहले चरण में कामकाज अक्तूबर, 2015 तक प्रारंभ हो जाएगा. -टीवी नरेंद्रन, एमडी, टाटा स्टील

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें