जमशेदपुर: भाजपा के पूर्व विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने के उस बयान पर प्रसन्नता जाहिर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में 15 दिनों में कार्रवाई की जायेगी. मुख्यमंत्री को एक पत्र लिख कर श्री राय ने कहा है कि विश्वकर्मा पूजा के पहले सिकदरी जल विद्युत परियोजना के भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई कर मुख्यमंत्री उदाहरण पेश कर सकते है. इसकी केंद्रीय विद्युत प्राधिकार (सीइसी) द्वारा 21 पन्नों की जांच रिपोर्ट पेश की जा चुकी है, जिसमें पाया गया है कि सिकदरी जल विद्युत परियोजना में मरम्मत और अनुरक्षण कार्य 2012 में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है.
मामले की जांच केंद्रीय विद्युत प्राधिकार ने राज्यपाल के तत्कालीन सलाहकार मधुकर गुप्ता के अनुरोध पर भारत सरकार के ऊर्जा विभाग के निर्देशानुसार की है. श्री राय ने बताया है कि जांच में सारे आरोप सही साबित हुए हैं. इस बारे में श्री राय ने 9 मई 2012 को सप्रमाण पत्र लिखकर राज्य सरकार को भेजा था और मई से दिसंबर 2012 के बीच आधा दर्जन बार सरकार को इस बारे में ध्यान आकृष्ट कराया था.
श्री राय ने कहा कि जब पत्र लिखा गया था, तब भाजपा की ही सरकार थी और मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा थे. श्री मुंडा ने पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिये थे. इसके बाद सीइसी ने जांच की, जिसकी रिपोर्ट समर्पित किये हुए पौने चार माह हो चुके हैं, पर जांच के निष्कर्षो के आधार पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 2 करोड़ का काम 24 करोड़ में कराने का आदेश देकर और बिना किसी बैंक गारंटी के चार करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने में झारखंड बिजली बोर्ड के साथ ही भारत सरकार का उपक्रम भेल भी बराबर दोषी है.