संवाददाता,जमशेदपुरकदमा दिशोम जाहेरथान में आयोजित बाहा बोंगा उत्सव में शनिवार को आदिवासी समाज के लोगों ने एकता व अखंडता का परिचय दिया. सबसे पहले मरांगबुरू-जाहेरआयो से आशीर्वाद लिया. नायके मोहन मुर्मू ने पूजा अर्चना की. नायके बाबा ने प्रकृति का पहला फूल इष्ट देवी-देवता को अर्पित करने के बाद ग्रामीणों के बीच उसे वितरित किया. महिलाओं ने उस फूल को अपने जुडे़ में सजाया, जबकि पुरुषों ने उसे कानों पर लगाया. पारंपरिक वेश-भूषा मेंे आदिवासी समुदाय के लोग पहुंचे थे. उत्सव को सफल बनाने में संरक्षक-विधायक लक्ष्मण टुडू, अध्यक्ष-भुआ हांसदा, महासचिव-धानु मुर्मू, भाजपा नेता रमेश हांसदा, चंद्रो टुडू, विकास हेंब्रम, विक्रम बास्के, पंचू हांसदा, सुनाराम टुडू, सनत टुडू, सुनाराम सोरेन समेत जाहेरथान कमेटी के अन्य का योगदान रहा. बाहा नृत्य में शामिल हुए लोगमरांबुरू-जाहेरआयो व लिटा-मोणें का आशीष लेने के बाद महिला- पुरुषों ने मांदर व नगाडे़ की थाप पर बाहा नृत्य किया. जोंड्रागोड़ा की नृत्य मंडली को आमंत्रित किया गया था. देर शाम तक लोगों ने बाहा उत्सव का आनंद उठाया. अपनी पहचान को कायम रखना जरूरी : संजीव बेसरामुख्य अतिथि सरायकेला के एसडीओ संजीव बेसरा ने कहा कि आदिवासी समाज का भाषा, संस्कृति व साहित्य काफी समृद्ध है. इसे बचाये रखने की जरूरत है. समाज के बुद्धिजीवी, शिक्षाविद् व अग्रणी लोगों को शैक्षणिक रूप से भी आगे बढ़ाने के लिए चिंतन करना चाहिए. मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में इंग्लैड से आये धुनी सोरेन, कोरनेल हांसदा मौजूद थे.
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बाहा नृत्य में दिखी सामाजिक व सांस्कृतिक एकता (फोटो हैरी की) अभी दिख नहीं रही है तसवीर
संवाददाता,जमशेदपुरकदमा दिशोम जाहेरथान में आयोजित बाहा बोंगा उत्सव में शनिवार को आदिवासी समाज के लोगों ने एकता व अखंडता का परिचय दिया. सबसे पहले मरांगबुरू-जाहेरआयो से आशीर्वाद लिया. नायके मोहन मुर्मू ने पूजा अर्चना की. नायके बाबा ने प्रकृति का पहला फूल इष्ट देवी-देवता को अर्पित करने के बाद ग्रामीणों के बीच उसे वितरित किया. […]
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