जमशेदपुर: टाटा स्टील में वेज रिवीजन को लेकर प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वेज कॉस्ट कम किया जाये. प्रबंधन ने इसकी कटौती का प्रस्ताव टाटा वर्कर्स यूनियन को दिया है. सबसे ज्यादा जोर महंगाई भत्ता (डीए) पर दिया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष के अनुपात में प्रबंधन ने आंकड़ा भी पेश किया है.
उसमें बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में कर्मचारियों की पेमेंट पर 3047 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे, जो वित्तीय वर्ष 2012-13 में बढ़ कर 3609 करोड़ हो गया. इसमें 18.4} तक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. कर्मचारियों के रिटायरमेंट बेनिफिट पर भी अतिरिक्त खर्च होने की बात कही गयी है. प्रेजेंटेशन में यह भी बताया गया है कि स्थायी कर्मचारियों को ट्रेनिंग समेत तमाम सुविधाएं देने में सबसे अधिक खर्च आया है.
इंप्लाइज बेनिफिट स्कीम पर भी काफी खर्च हुआ है. कर्मचारियों के सेपरेशन कंपन्सेशन (इएसएस) पर 396.87 करोड़ खर्च हुए हैं. डीए 78 फीसदी तक पहुंचने का भी जिक्र किया गया है. एनएस ग्रेड के कर्मचारियों के लिए जिस तरह डीए का प्रावधान तय किया गया है, उसी तर्ज पर डीए को कम करने और ऑल इंडिया प्राइस इंडेक्स के मुताबिक महंगाई भत्ता तय किये जाने की बात कही गयी है.