|जिले में हर साल बढ़ रही मलेरिया के मरीजों की संख्या
|मलेरिया विभाग के अनुसार 2010 से 2013 (अप्रैल) तक बीमारी पांच लोगों की मौत हुई
|विभाग को जिले के कई अस्पतालों से नहीं मिलता है सही आंकड़ा
|जिला में बढ़ रहे हैं मलेरिया के मरीज
| एक करोड़ खर्च कर भी नहीं हो पा रही रोकथाम
|2005 में मलेरिया विभाग ने बांटी थी 24 हजार मच्छरदानी
| 2012 में बांटी गयी 43 हजार मच्छरदानी, 2013 में 63 हजार मच्छरदानी बांटने का लक्ष्य
जमशेदपुरः मलेरिया की रोकथाम के लिए जिले को करोड़ों रुपये उपलब्ध कराये जाते हैं.
इसे बावजूद यहां मलेरिया के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2010 में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में मलेरिया के 3097 मरीज मिले थे. 2011 में 3392, 2012 में 5221 और 2013 (अब तक) में 1124 लोग इस बीमारी से पीडि़त पाये गये हैं. वहीं, मलेरिया विभाग के अनुसार 2010 से 2013 के बीच जिले में पांच लोगों की मौत इस बीमारी से हुई है.
सही आंकड़ा नहीं मिलता
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ बीबी टोप्नो ने बताया कि जिले के कई अस्पताल मलेरिया से पीडि़त मरीज या इससे होने वाली मौत का सही आंकड़ा विभाग को उपलब्ध नहीं कराते हैं. इसके कारण डाटा तैयार करने में दिक्कत होती है. साथ ही उन जगहों की पहचान नहीं हो पाती है, जहां मलेरिया से ज्यादा मरीज हैं. इससे वहां डीडीटी छिड़काव व दवा देने में भी परेशानी होती है.
जागरुकता जरूरी
डॉ टोप्नो के अनुसार मलेरिया से बचने के लिए दवा से ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है. अगर लोग जागरूक रहेंगे तो काफी हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है. लोग मच्छरदानी लगा कर सोयें. घर व आसपास सफाई रखें, ताकि मच्छर पैदा नहीं हों.
मलेरिया दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम
मलेरिया दिवस के अवसर पर गुरुवार को मलेरिया विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं. सुबह नौ बजे बिष्टुपुर स्थित मलेरिया कार्यालय से रैली निकलेगी, जो डीसी ऑफिस होते हुए जुबिली पार्क जायेगी. वहां पर होने वाले कार्यक्रम में मलेरिया की रोकथाम के लिए काम करने वाले 10 सहिया व 10 एपीडब्ल्यू को सम्मानित किया जायेगा. इसके अलावा, मलेरिया पर आधारित चित्रांकन एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता भी होगी. इसमें स्थान पाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जायेगा.