– गुजराती समाज का नववर्ष शुक्रवार से शुरू संवाददाता, जमशेदपुर शुक्रवार(24 अक्तूबर) को गुजराती समाज का नया वर्ष शुरू होगा. गुजराती कैलेंडेर के अनुसार कार्तिक वर्ष का प्रथम माह होता है. इसे वर्ष प्रतिपदा व वेस्तु वर्ष भी कहते है. गुजराती लोग इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. इसके पीछे पौराणिक कथा है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठ (सबसे छोटी अंगुली) से गोवर्धन पर्वत को उठा कर ब्रजवासियों की रक्षा की थी. नये वर्ष पर महिलाएं रंगोली से घर सजायेगी, वहीं दिन की शुरुआत समाज के लोग नये वस्त्र पहन कर मंदिरों में पूजा करते हैं. घर में पारंपरिक भोजन बनाया जायेगा. लोग एक-दूसरे के घर में जाकर नये वर्ष की बधाई देते हैं. रंगोली से लेकर मिठाई बनाने की परंपरा सोनारी निवासी तरु गांधी ने बताया कि गुजराती समाज की दीपावली एकादशी के बाद शुरू होती है. एकादशी के पहले समाज की महिलाएं घर की साफ-सफाई करती है. घरों में खासतौर पर गुजराती मिठाई पाफड़ा, मठिया, मोहन भोग, गुजिया आदि बनाये जाते हैं. विशेष रूप से बनेगी बैंगन और फूलगोभी की सब्जीगुजराती घरों नये वर्ष के दिन बैंगन और फूलगोभी की मिक्स सब्जी बनायी जाती है. चार महीने तक समुदाय के लोग इस सब्जी से परहेज करते हैं.
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नववर्ष के स्वागत में जुटा गुजराती समाज
– गुजराती समाज का नववर्ष शुक्रवार से शुरू संवाददाता, जमशेदपुर शुक्रवार(24 अक्तूबर) को गुजराती समाज का नया वर्ष शुरू होगा. गुजराती कैलेंडेर के अनुसार कार्तिक वर्ष का प्रथम माह होता है. इसे वर्ष प्रतिपदा व वेस्तु वर्ष भी कहते है. गुजराती लोग इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. इसके पीछे पौराणिक कथा है […]
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