कुमार आनंद, जमशेदपुर : मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत अब शहर के अंदर निश्चित जगह पर वैन लगाकर भात व दाल बेचने की बाध्यता समाप्त हो गयी है. सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में डीसी रवि शंकर शुक्ला ने एजेंसी को छूट का लाभ दिया है.
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अब एक जगह वैन लगा भात व दाल बेचने की बाध्यता समाप्त
कुमार आनंद, जमशेदपुर : मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत अब शहर के अंदर निश्चित जगह पर वैन लगाकर भात व दाल बेचने की बाध्यता समाप्त हो गयी है. सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में डीसी रवि शंकर शुक्ला ने एजेंसी को छूट का लाभ दिया है. बदले हुए नये सिस्टम से शहर के आठों यूनिट […]
बदले हुए नये सिस्टम से शहर के आठों यूनिट में रिकाॅर्ड भात-दाल की बिक्री हुई है. केवल जनवरी (वर्ष 2020) में एजेंसी ने 3.25 लाख रुपये सब्सिडी की राशि राज्य सरकार से ली है, जबकि सितंबर 2019 से शुरू हुई योजना में अक्तूबर 2.30 लाख रुपये, नवंबर में 2.83 लाख रुपये सब्सिडी ली थी.
ये भी बदला : मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत एजेंसी के आठों वैन पर पहले रघुवर दास का फोटो लगा हुआ था, अब उक्त फोटो के ऊपर हेमंत सोरेन का फोटो चिपका दिया गया है.
क्या था पुराना सिस्टम
शहर में पहले आठ फिक्स स्थानों (सामुदायिक केंद्र) में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत वैन लगाकर 10 रुपये में भात, दाल, सब्जी, आचार व मिर्च-नमक खिलाया जाता था.
नया सिस्टम
आठ फिक्स स्थानों के बजाय कहीं भी जहां भीड़ हो, वहां वैन लगाकर 10 रुपये में सुबह 11 से लेकर अपराह्न तीन बजे तक खाना खिलाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत आठ निर्धारित जगह के बजाय अब शहर में कहीं भी भात, दाल खिलाने वाली वैन को लगाकर खाना खिलाया जा सकता है. निर्धारित सामुदायिक केंद्रों में लोग कम आ रहे थे.
नवीन कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम
शहर में फिक्स जगहों के बजाय, कहीं भी जहां ज्यादा लोग मिले, वैसे जगहों पर भात-दाल खिलाने की अनुमति जिला प्रशासन से मिली है. इस पर काम शुरू किया गया है. फिक्स जगह से हटकर कहीं भी भात-दाल खिलाने से काफी अच्छा रिस्पांस मिला है.
ज्योति रंजन, अन्नामृता फाउंडेशन, जमशेदपुर
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