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Friday, March 29, 2024

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मुसाबनी में सुवर्णरेखा के तट से मिला बजरंग भरतिया का शव

जमशेदपुर/मुसाबनी : नौ दिन से लापता जमशेदपुर के समाजसेवी और कपड़ा व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया का शव शुक्रवार को मुसाबनी में सुवर्णरेखा नदी के किनारे बड़ाघाट के धीवर टोला से बरामद कर लिया गया. उनके पुत्र कमल भरतिया ने शव की शिनाख्त की. बाटा चौक निवासी भरतिया 30 अगस्त को जुगसलाई के शिवघाट के पास […]

जमशेदपुर/मुसाबनी : नौ दिन से लापता जमशेदपुर के समाजसेवी और कपड़ा व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया का शव शुक्रवार को मुसाबनी में सुवर्णरेखा नदी के किनारे बड़ाघाट के धीवर टोला से बरामद कर लिया गया. उनके पुत्र कमल भरतिया ने शव की शिनाख्त की. बाटा चौक निवासी भरतिया 30 अगस्त को जुगसलाई के शिवघाट के पास से लापता थे. स्थानीय मछुआरों ने उन्हें अंतिम बार खरकई नदी में हाथ-मुंह धोते देखा था.
स्थानीय पुलिस और पटना से आयी एनडीआरएफ की टीम पिछले सात दिनों से उनकी तलाश कर रही थी. बजरंग लाल भरतिया की जेब से आठ सौ रुपये (गले हुए नोट), स्कूटी की चाबी और टेलीफोन डायरी मिले हैं. पुलिस की निगरानी में एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार देर शाम उनके शव को लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंची. शनिवार को पोस्टमॉर्टम किया जायेगा.
सूचना मिलने के बाद बेटे व मित्र पहुंचे मुसाबनी : भरतिया को खोज कर रही एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार को भी सुवर्णरेखा नदी में उतरी थी. इसी क्रम में दिन के करीब 11 बजे मुसाबनी के बड़ाघाट स्थित धीवर टोला में नदी किनारे एक शव पड़ा मिला. एनडीआरएफ टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर पीटर पॉल डुंगडुंग ने बजरंग लाल का शव होने की आशंका जताते हुए उसकी तस्वीर जुगसलाई पुलिस को भेजी.
पुलिस ने बजरंग लाल भरतिया के पुत्र कमल भरतिया को तस्वीर भेजी. इसके बाद जुगसलाई थाना प्रभारी करुणानंद राम, मुसाबनी डीएसपी आलोक रंजन, कमल भरतिया, अमर सिंह, विजय सिंह उर्फ पप्पू, लिप्पू शर्मा, उमेश खिरवाल, सतीश गोयल, विनोद भरतिया समेत कई लोग मुसाबनी रवाना हुए.
सभी करीब 1.45 बजे कमल मुसाबनी पहुंचे. कमल भरतिया ने शव की शिनाख्त की. इसके बाद मुसाबनी थाने के सअनि अशोक कुमार ने शव का पंचनामा किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
बड़ाघाट के धीवर टोला से मिला शव, एमजीएम जमशेदपुर में लाकर रखा गया
बेटे कमल भरतिया ने की शव की शिनाख्त
जेब से मिले स्कूटी की चाबी, 800 रु व डायरी
कैसे हुई शिनाख्त
पुत्र कमल भरतिया ने कपड़े, कलाई में बंधा धागा, पैरोट गंजी और पेट पर ऑपरेशन के निशान को देख कर शव की शिनाख्त की
कमल के मुताबिक उनके पिता की अंगूली में अंगूठी थी, पर शव सड़ जाने के कारण वह नहीं मिली
वीर बहादुर सिंह, पप्पू सिंह समेत जमशेदपुर से पहुंचे उनके परिजनों ने भी शव की पहचान बजरंग लाल भरतिया के रूप में की
आज पोस्टमार्टम के बाद िनकलेगी अंतिम यात्रा
बजरंग लाल भरतिया का शव एमजीएम में ही रखा गया है. उसका पोस्टमार्टम शनिवार को दंडाधिकारी की मौजूदगी में होगा. इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करायी जायेगी. भरतिया की अंतिम यात्रा शनिवार दिन के दाे बजे जुगसलाई बाटा चाैक स्थित आवास से निकलेगी. अंतिम संस्कार जुगसलाई शिव घाट पर होगा.
30 की शाम से थे लापता चप्पल व स्कूटी मिली थी
बजरंग लाल भरतिया प्रतिदिन की तरह 30 अगस्त की शाम को करीब सवा चार बजे शिवघाट के लिए स्कूटी से निकले थे. यहां उनके नेतृत्व में पार्क का निर्माण किया जा रहा था. रात नौ बजे तक नहीं लौटने पर पुत्र कमल भरतिया ने पुलिस को जानकारी दी. 30 अगस्त की रात में ही उनकी स्कूटी शिवघाट के पास नदी किनारे लॉक मिली थी. दूसरे दिन चप्पल भी बरामद हुई. कमल भरतिया ने जुगसलाई थाने में पिता बजरंग लाल भरतिया के लापता होने की लिखित शिकायत की थी.
किस आधार पर नदी में हो रही थी तलाशी
पुलिस जांच में यह बात सामने आयी थी कि जुगसलाई शिवघाट पर मौजूद मछुआरे जोसेफ नाग और उसके दोस्त सोनू ने 30 अगस्त की शाम छह बजे के करीब नदी के अंदर जाते एक वृद्ध व्यक्ति (सफेद पैजामा कुर्ता पहने) को देखा था. दोनों ने उन्हें नदी में जाने से मना भी किया था. पर वृद्ध व्यक्ति ने मुंह-हाथ धोकर निकल जाने की बात कही थी. इसके बाद दोनों मछुआरे वहां से चले गये थे. जोसेफ के अनुसार, वह नदी किनारे आधे घंटे तक मुंह लटका कर बैठे भी थे.
छह दिनों से तलाश रही थी एनडीआरएफ की टीम
पटना से पहुंची एनडीआरएफ की टीम इंस्पेक्टर पीपी डुंगडुंग के नेतृत्व में दो सितंबर से सुवर्णरेखा और खरकई में भरतिया की तलाश कर रही थी
शुक्रवार को टीम के सदस्य तीन टुकड़ियों में बंट कर सुवर्णरेखा में गयी थी. नदी के दोनों छोर पर चार सदस्यों की अलग-अलग टीम थी. एक अन्य नदी के बीच में तलाशी अभियान चला रही थीटीम जैसे ही मऊभंडार पुल के नीचे से आगे बढ़ी, बड़ाघाट के धीवर टोले में नदी किनारे शव मिलाएनडीआरएफ की टीम में सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार, सअनि नारायण सिंह, डीके पांडेय, श्रीराम सिंह, प्रदीप कुमार, पवन कुमार, आर कर्ण समेत 15 सदस्य शामिल थे.
तेज बहाव से शव मुसाबनी पहुंचा
तेज बहाव के कारण बजरंग लाल भरतिया का शव शिवघाट से बहते हुए मुसाबनी तक जा पहुंचा. शव देखने से लगता है कि उनकी मौत डूबने से हुई है, लेकिन आगे सच्चाई जानने के लिए पुलिस जांच कर रही है. 30 अगस्त से लेकर दो सिंतबर तक नदी का जलस्तर काफी बढ़ा था. गालूडीह में फाटक खुले रहने से शव बहता हुए मुसाबनी पहुंच गया.
– पीटर पॉल डुंगडुंग, इंस्पेक्टर, एनडीआरएफ
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