केंद्रीय विमानन सचिव के साथ डीसी व अन्य अधिकारियों की बैठक में हुआ विचार
नयी दिल्ली : जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से विमान सेवा जुलाई से शुरू हो जायेगी. सोनारी एयरपोर्ट और धालभूमगढ़ में बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को शुरू करने को लेकर लेकर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार, डीजीसीए, एयरपोर्ट अॉथोरिटी ऑफ इंडिया और टाटा स्टील के अधिकारियों की केंद्रीय विमानन सचिव आएन चौबे के साथ सोमवार को बैठक हुई.
इस बैठक में जमशेदपुर से कोलकाता के बीच विमान सेवा शुरू करने पर विचार किया गया. बैठक में सोनारी एयरपोर्ट और धालभूमगढ़ ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी.बैठक में तय किया गया कि जुलाई से सोनारी से विमान सेवा शुरू कर दी जायेगी.
20 जून को फनेल जाेन के सर्वे का काम कर रही गो सॉफ्ट इ सॉल्यूशन डीजीसीए और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. इस रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी और जुलाई महीने से विमान सेवा शुरू कर दी जायेगी. केद्र सरकार की ओर से इसकी अनुमति पहले ही दी जा चुकी है.
उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि धालभूमगढ़ के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है और बैठक में तय किया गया कि झारखंड सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ज्वाइंड वेंचर बनायेंगे. इसके बाद वहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जायेगा. बैठक में भविष्य की रणनीति पर भी विचार किया गया.
गौरतलब है कि रीजनल कनेक्टिवटी योजना उड़ान के तहत करीब 500 किलोमीटर दूरी, एक घंटे की फ्लाइट या 30 मिनट की हेलीकॉप्टर यात्रा के लिए 2,500 रुपये किराया तय किया गया है. एयरपोर्ट अॉथोरिटी ऑफ इंडिया ने 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी है और देश के 70 हवाई अड्डों को उड़ान योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है.
सरकार ने इस योजना के तहत 2017 में 31 एयरपोर्ट शुरू करने की योजना बनायी थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 16 ही शुरू हो पाये हैं. उड़ान के तहत सेनारी एयरपोर्ट से कोलकाता के लिए विमान सेवा शुरू करने की योजना है.
इस रूट पर विमान सेवा शुरू करने का अधिकार एयर डेक्कन को मिला था और फरवरी से विमान सेवा शुरू करने की बात तय की गयी थी, लेकिन डीजीसीए द्वारा कुछ शर्त लगाने के बाद सेवा शुरू नहीं हो पायी. रीजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत बंद पड़े एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू करने वाली विमान कंपनी को होनेवाले नुकसान की भरपाई केंद्र करेगा. गौरतलब है कि अगस्त 2016 में झारखंड सरकार और नागर विमान मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया था.
