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केएसएमएस के स्वरूप व हिलटॉप की प्रिया का डंका

जमशेदपुर : हिलटॉप स्कूल, टेल्को जमशेदपुर की छात्रा प्रिया कुमारी ने आइसीएसई दसवीं की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक लाकर पूरे देश में तीसरा स्थान पाया है. प्रिया के पिता राजेश कुमार सिंह वर्तमान में धनबाद में एसबीआइ बैंक में कार्यरत हैं और मां बबीता देवी हाउस वाइफ हैं. प्रिया आइएएस बनकर समाज व देश […]

जमशेदपुर : हिलटॉप स्कूल, टेल्को जमशेदपुर की छात्रा प्रिया कुमारी ने आइसीएसई दसवीं की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक लाकर पूरे देश में तीसरा स्थान पाया है. प्रिया के पिता राजेश कुमार सिंह वर्तमान में धनबाद में एसबीआइ बैंक में कार्यरत हैं और मां बबीता देवी हाउस वाइफ हैं.

प्रिया आइएएस बनकर समाज व देश के लिए कुछ करना चाहती है. गोविंदपुर गदड़ा में रहने वाली प्रिया का जन्म सिक्किम में हुआ था. उस समय उसके पिता सेना में नायक के पद पर कार्यरत थे. बाद में वह जमशेदपुर आ गयी. कक्षा 6 तक विग इंग्लिश स्कूल गोविंदपुर में पढ़ाई करने के बाद 7वीं में हिलटॉप में एडमिशन लिया. संयुक्त परिवार में पली बढ़ी हैं. इसलिए वह सामाजिक है. प्रिया कहती है कि यह मुकाम हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. वह रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ती थी.

अगर दिन में किसी वजह से समय नहीं मिल पाया, तो वह रात में जगकर पढ़ाई पूरी करती थी. प्रिया ने कहा कि उन्होंने कभी यह सोचकर मेहनत नहीं की कि वह स्टेट टॉपर बनेगी. प्रिया के बड़े चाचा राजीव ठेकेदारी करते हैं, जबकि छोटे चाचा रेलवे में ड्राइवर है. प्रिया की बड़ी बहन रिया ने बी कॉम में पूरे जिले में तीसरा स्थान पाया था.

वाट्सएप के जरिये शिक्षकों से लेते रहे सलाह, मिला फायदा
जमशेदपुर : आइसीएसई की परीक्षा में 99 फीसद अंक प्राप्त कर देश में तीसरा स्थान हासिल करने वाले स्वरूप पाढ़ी बताते हैं कि वाट्सएप के सही इस्तेमाल ने उन्हें परीक्षा की तैयारी करने में काफी मदद की. प्रश्नों को हल करने में हो रही परेशानी को दूर करने के लिए वह लगातार वाट्सएप से स्कूल के शिक्षकों के संपर्क में रहे. तीन विषयों में 100 में 100 अंक हासिल करने वाले स्वरूप का परिवार मूल रूप से आेड़िशा के भद्रक का रहने वाला है. पिता अक्षय कुमार पाढ़ी टाटा स्टील में ट्रेनिंग फैकल्टी हैं. मां योगोमाया पाढ़ी हाउस वाइफ हैं. अभी वे गोलमुरी में रह रहे हैं. अर्थशास्त्र से एमए की डिग्री के साथ बीएड का प्रशिक्षण लेने वाली स्वरूप की मां ने शिक्षक के रूप में सुनहरा करियर छोड़कर अपना सारा ध्यान बेटे की पढ़ाई पर लगाया. इसका परिणाम रहा कि देश के टॉपर सूची में शामिल होकर बेटे ने मां को मदर्स डे पर सबसे बड़ा तोहफा दिया. यह परिवार वर्ष 2011 में खड़गपुर से जमशेदपुर आया. प्रभात खबर से बातचीत में स्वरूप ने अपनी सफलता की कहानी साझा की.

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