भूषण स्टील को खरीदने और टेकओवर करने के मार्ग में टाटा स्टील के समक्ष चुनौतियां कम नहीं हुई है. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के कर्जदाताओं से ब्रिटेन की कंपनी लिबर्टी हाउस की बोली पर विचार करने को कहा है. अगर ऐसा होता है तो लिबर्टी हाउस की बोली के आगे टाटा स्टील की बोली का अंतर दो हजार करोड़ रुपये का हो सकता है.
दरअसल 45 हजार करोड़ के बकाया के लिए टाटा स्टील ने 24 हजार करोड़ की बोली लगायी थी और कंपनी को टेकओवर करने के लिए क्रेडिटर्स कमेटी के बैंकरों ने टाटा स्टील को ही सही बिडर माना था, लेकिन इस बीच यूके की लिबर्टी हाउस कंपनी ने इसके लिए 26 हजार करोड़ की ऊंची बोली लगायी, लेकिन आवेदन में देरी करने के कारण उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया. इसके खिलाफ यूके लिबर्टी हाउस ने फिर से सुनवाई की अपील की, जिस पर एनसीएलटी ने यूके की लिबर्टी हाउस के बिड को भी क्रेडिटर्स कमेटी को समीक्षा करने को कहा है.अगर ऐसा होता है, तो करीब दो हजार करोड़ रुपये टाटा स्टील से ज्यादा की बोली लिबर्टी हाउस ने लगायी है, जिसको वाजिब माना जा सकता है.
