मुख्यमंत्री ने िबरसानगर में लीज बंदोबस्ती कैंप का उदघाटन किया, कहा- बस्तियों को अवैध से अधिकृत किया
Advertisement
गुमराह करनेवालों की दुकानदारी हो जायेगी बंद
मुख्यमंत्री ने िबरसानगर में लीज बंदोबस्ती कैंप का उदघाटन किया, कहा- बस्तियों को अवैध से अधिकृत किया जमशेदपुर : झूठ बोल कर राजनीति करना मेरा पेशा नहीं है, शहरी क्षेत्र की बस्तियां पेंडुलम की तरह थीं. कोई इसे टाटा की लीज, तो कोई अनाधिकृत बताता था. मैंने अनाधिकृत बस्ती के कलंक को अधिकृत करने का […]
जमशेदपुर : झूठ बोल कर राजनीति करना मेरा पेशा नहीं है, शहरी क्षेत्र की बस्तियां पेंडुलम की तरह थीं. कोई इसे टाटा की लीज, तो कोई अनाधिकृत बताता था. मैंने अनाधिकृत बस्ती के कलंक को अधिकृत करने का वादा निभाया. सरकार के इस निर्णय से लोगों को गुमराह कर भ्रम फैलाने वालों की दुकानदारी बंद हो जायेगी, इसलिए उनमें छटपटाहट है. यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को बिरसानगर गुड़िया मैदान में गैर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि की लीज बंदोबस्ती के कैंप के उद्घाटन के अवसर पर कहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंप के माध्यम से एक जनवरी 1985 के पूर्व यानी 30 वर्ष पूर्व से रहने वाले वालों को अधिकृत करने के निर्णय की शुरुआत फाॅर्म वितरण कर हो रहा है. वर्ष 1995 के पूर्व में कुछ संस्थायें छिटपुट आंदोलन कर रहीं थीं. ये संस्थायें जमीन खरीदने अौर बेचने वालों से पैसे लेती थीं. भाजपा ने 1995 में उन्हें उम्मीदवार बनाया. बस्तियों में घूमने के दौरान बस्तीवासियों ने बस्ती को कानूनी मान्यता देने की मांग रखी थी
1995 में क्षेत्र की जनता ने उन्हें 1101 वोट से जिताया. उसके बाद से लगातार वह इस समस्या के समाधान के लिए इस मुद्दे को रखते रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मालिकाना हक का मतलब सरकार का अधिकृत-पत्र है. उन्होंने लीज बंदोबस्ती का श्रेय क्षेत्र की माता-बहनों के संघर्ष को दिया.
उद्घाटन के अवसर पर उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप बिरथरे, राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव सह परामर्शी धर्मेंद्र पांडेय, महानगर भाजपा अध्यक्ष दिनेश कुमार, बस्ती विकास समिति के खेमलाल चौधरी, खाद्यी ग्रामोद्योग बोर्ड के सदस्य कुलवंत सिंह बंटी, चंद्रशेखर मिश्रा समेत कई भाजपा नेता समेत बस्तीवासी मौजूद थे.
ग्रामीण अौर शहरी लोगों को जमीन अधिकृत किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने चार बड़े क्रांतिकारी निर्णय लिये हैं. स्थानीय नीति तय की गयी. ग्रामीण क्षेत्र में घर बना कर रह रहे गरीब-भूमिहीनों को 12.5 डिसमिल जमीन अधिकृत करने का निर्णय लिया गया. आदिवासी, शोषित परिवारों को पांच एकड़ जमीन खेती के लिए लीज पर देने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि राज्य के नौ जिलों में खासमहल जमीन पर रहने वाले गृह स्वामियों को लीज नवीकरण के लिए अगर एक लाख की जमीन है तो 20 हजार रुपये में नवीकरण होगा, जिसके लिए दस हजार रुपये एक मुश्त अौर शेष दस हजार किश्त में देने होंगे. सबसे सरलीकरण गैर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए किया गया, जिसके अनुसार एक लाख की जमीन है, तो सलामी के रूप में दस हजार एकमुश्त अौर 30 साल तक के लिए लगान की राशि पांच सौ रुपये प्रतिवर्ष या एकमुश्त दे सकते हैं.
मालिकाना हक का मतलब सरकार का अधिकृत पत्र
बाबूलाल, कांग्रेस, झामुमो, राजद ने बस्तियों के लिए कुछ नहीं किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को बस्ती विकास समिति की सभा में एग्रिको मैदान में बुलाया गया था. लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया. झामुमो की चार बार सरकार बनी. वर्ष 2006 से 2008 तक मधु कोड़ा की सरकार बनी, जिसमें कांग्रेस, झामुमो, राजद के लोग मंत्री बने थे, लेकिन किसी ने भी बस्तीवासियों की सुध नहीं ली. 2013 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में (यूपीए) झामुमो की सरकार बनी, जिसमें कांग्रेस, राजद, झामुमो के मंत्री थे, लेकिन उस सरकार ने भी कुछ नहीं किया. बस्तीवासियों के हक में भाजपा ने ही कदम उठाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सीधे लीजी हैं, हम अौर भालुबासा के लोग सब लीजी हैं.
फॉर्म भरे जाने तक कैंप लगा रहेगा : मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सांकेतिक रूप में शांति देवी, दलजीत कौर, रंजना सरकार, थॉमस डेनियल, गौरी कर, रेजी ग्रेस, विनोद आनंद लकड़ा, दिवाकर लोहार समेत दस लोगों को लीज बंदोबस्ती का फॉर्म प्रदान किया. बस्तीवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जब तक जमशेदपुर के लोगों का फॉर्म नहीं भरा जाता है, तब तक कैंप लगा रहेगा. बिरसानगर में नौ अप्रैल तक कैंप रहेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement