जमशेदपुर : शहर के बिरसानगर थाना क्षेत्र स्थित विजया गार्डन के फेज 6 के ब्लॉक नंबर 21 में रहनेवाले और टाटा स्टील में ठेकेदारी करने वाले इंजीनियर निशांत वैभव (39) ने अपनी पत्नी पूर्णिमा (35) और छह साल के बेटे अक्षत को चॉकलेट में जहर देकर मार डाला और खुद फांसी लगाकर जान दे दी. उक्त तीनों के शव मंगलवार सुबह उनके फ्लैट से बरामद किये गये. जांच के दौरान पुलिस ने चार पेज का सुसाइड नोट बरामद किया है जिसमें निशांत ने बिजनेस में हो रहे घाटे को आत्महत्या की वजह बताया है.
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जमशेदपुर : शादी की सालगिरह पर पत्नी व बेटे को चॉकलेट में जहर देकर मारा, फिर खुद भी लगा ली फांसी
जमशेदपुर : शहर के बिरसानगर थाना क्षेत्र स्थित विजया गार्डन के फेज 6 के ब्लॉक नंबर 21 में रहनेवाले और टाटा स्टील में ठेकेदारी करने वाले इंजीनियर निशांत वैभव (39) ने अपनी पत्नी पूर्णिमा (35) और छह साल के बेटे अक्षत को चॉकलेट में जहर देकर मार डाला और खुद फांसी लगाकर जान दे दी. […]
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को निशांत और पूर्णिमा की शादी की सातवीं सालगिरह थी, जिसे मनाने की तैयारी भी की गयी थी.
ये है पूरा मामला : मूलत: बिक्रमगंज (बिहार) के गोसलडीह गांव निवासी निशांत वैभव अपनी पत्नी पूर्णिमा वैभव व बेटे अक्षत राज के साथ विजया गार्डेन के फ्लैट नंबर 2124 में रहते थे. ठीक सामने के फ्लैट में उनके पिता एनके सिंह (टाटा स्टील के रिटायर्ड सीनियर मैनेजर), माता तारामुनी देवी (रिटायर्ड टीचर) व बड़े भाई निराला किसलय रहते हैं. सोमवार रात पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया और करीब 10 बजे तक घर-परिवार की बातें करते रहे.
इसके बाद निशांत अपने फ्लैट में पत्नी पूर्णिमा व बेटे अक्षत के साथ सोने चले गये. सुबह करीब सात बजे के करीब जब उनके घर का दरवाजा नहीं खुला तो उनकी मां ने जाकर उसे खटखटाया. इसी दौरान उन्होंने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद नहीं था, बल्कि एक टेबल लगा कर सिर्फ उसे सटा दिया गया था. थोड़ा धक्का देने से ही दरवाजा खुल गया. वह जब अंदर गयीं तो निशांत को फंदे से लटका हुआ पाया. यह देख वह दौड़ते हुए दूसरे कमरे में गयीं. वहां बहू पूर्णिमा और पोता अक्षत बेड पर मृत पड़े थे. उन्होंने शोर मचाना शुरू किया. शोर सुनकर निशांत के पिता व भाई पहुंचे. इसके बाद घटना की जानकारी बिरसानगर थाने को दी गयी. कुछ देर के बाद सिटी डीएसपी अनुदीप सिंह, बिरसानगर थाना प्रभारी उपेंद्र नारायण सिंह और सर्किल इंस्पेक्टर बुधराम उरांव समेत सीआइडी की टीम मौके पर पहुंची. छानबीन करने के बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया.
बारीडीह विजया गार्डेन में इंजीनियर का भरा-पूरा परिवार हुआ तबाह
खुद भी खाया जहर, पर नहीं हुआ असर
घटना की प्रारंभिक जांच के बाद में पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि सोमवार रात अपने फ्लैट में सोने के लिए पहुंचने के बाद निशांत ने पत्नी और बेटे को जहर मिलाया हुआ डेयरी मिल्क सिल्क चॉकलेट दिया. एक ही चॉकलेट खाने के बाद दोनों की मौत हो गयी. पत्नी-बच्चे के साथ निशांत ने भी चॉकलेट खाया लेकिन उस पर जहर का असर नहीं हुआ. उसे जब लगा कि जहर से उसकी मौत नहीं होगी, तो उसने फांसी लगा कर आत्महत्या करने की सोची. उसने पहले हॉल के बगल वाले रूम में लाल रंग की चादर से फांसी लगाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं होने के बाद वह दूसरे रूम में चला गया और वहां सफेद रंग की चादर को पंखे से लटकाकर फांसी लगा ली.
बिजनेस में घाटे की वजह से परिवार सहित लगाया मौत को गले
मंगलवार को थी शादी की सातवीं सालगिरह, सुबह ही मिले शव
पुलिस व कंपनी के नाम सुसाइड नोट
निशांत ने लिखा कि मैं अपनी मौत की जिम्मेदारी खुद लेता हूं. मैं किसी के कहने पर या दबाव में आकर ऐसा नहीं कर रहा हूं. इसके लिए मेरे परिवार का कोई भी सदस्य जिम्मेदार नहीं है. जहां तक मेरी कंपनी की बात है. इसका पूरा मालिकाना हक मेरा है. अब तक कंपनी में जो हुआ सब का जिम्मेदार मैं ही हूं. कंपनी का जो भी मुनाफा, घाटा या कर्ज है, वह सब मेरा है. मेरे जाने के बाद मेरे परिवार को परेशान नहीं किया जाये. कंपनी में जो भी चल रहा है, उसकी रिस्पांसबिलिटी मेरी है.
टाटा में इंजीनियर थे पिता, मां प्राचार्य
निशांत के पिता एनके सिंह टाटा स्टील में इंजीनियर थे. जबकि मां तारामुनी देवी धतकीडीह स्थित ठक्कर बप्पा हाइ स्कूल में प्राचार्य के पद से रिटायर हुई हैं. रिटायरमेंट के बाद वह अपने बेटे व बहू के साथ विजया गार्डेन में फ्लैट लेकर रह रहे थे. निशांत का बड़े भाई एयरफोर्स में कार्यरत थे. वे भी रिटायरमेंट के बाद विजया गार्डेंन मेें ही फ्लैट खरीद कर रहते थे. एनके सिंह ने बताया कि विजया गार्डेन में उनके पांच फ्लैट हैं. दो फ्लैट किराया पर है, जबकि तीन में वे लोग खुद रहते हैं.
मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ बनायी थी ठेका कंपनी
ज्ञात हो कि बेंगलुरु से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले निशांत ने यूके की एक मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर 2008 में तारानंद इंजीनियरिंग सर्विसेज नामक कंपनी बनायी थी. जिसके जरिये वह टाटा स्टील में ठेकेदारी करते थे. उनका बेटा अक्षत जमशेदपुर पब्लिक स्कूल में यूकेजी का छात्र था, जबकि पत्नी पूर्णिमा हाउस वाइफ थीं.
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