जमशेदपुर : जमशेदपुर में रहने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है. जल्द ही जमशेदपुर से कोलकाता के बीच उड़ान सेवा शुरू की जायेगी. आज केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने जमशेदपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि जमशेदपुर से कोलकाता के बीच 15 फरवरी से उड़ान सेवा शुरू होने की संभावना है. शुरुआत में 42 सीटों वाला प्लेन जमशेदपुर से कोलकाता के बीच उड़ान भरेगी. केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि टाटा डीजीसीए ( Directorate General of Civil Aviation) व एएआई (Airports Authority of India) के साथ मिलकर सोनारी एयरपोर्ट का तकनीकी अध्ययन करेगी. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमें सीएम का सहयोग मिल रहा है. उड़ान योजना के दूसरे चरण में बोकारो, दुमका में सेवा शुरू हो जायेगी. इसके बाद जल्द ही हजारीबाग और डॉल्टनगंज में भी इस योजना के तहत सेवा शुरू हो जायेगी.
Delighted to inform that air services expected to start from Jamshedpur to Kolkata by 15 Feb. TATA will collaborate with DGCA & AAI to do a technical analysis for expansion of Sonari Airport to get runway clearance for operations of 42 seater ATRs. (1/2) pic.twitter.com/Gvhcgy8sJ5
— Jayant Sinha (@jayantsinha) January 9, 2018
सीधे विदेशों के लिए भर पायेंगे उड़ान
Support from Hon. CM @dasraghubar ji & 2nd round of #UDAN will transform air-connectivity in Jharkhand. Operations in Ranchi,Bokaro & Dumka to instate in 6 months, construction of Deogarh airport has commenced & we are working to bring Hazaribagh & Daltanganj on the aviation-map. pic.twitter.com/oIyoinmOTr
— Jayant Sinha (@jayantsinha) January 9, 2018
बताया जा रहा है कि अगर यह परियोजना पूरी हो गयी तो जमशेदपुर दुनियाभर के बड़े शहरों से जुड़ जायेगा.इस हवाई अड्डे के बनने से झारखंड का सीधा संपर्क देश -विदेश से हो जायेगा. इतना ही नहीं इस एयरपोर्ट के जरिए बंगाल, ओड़िशा और झारखंड के लोगों का आसानी से जुड़ाव हो सकेगा. केंद्र के मुताबिक कोलकाता के हवाईअड्डा का और अधिक विस्तार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में धालभूमगढ़ एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. वहीं ओड़िशा और रांची के हवाई अड्डे आकर में छोटे हैं और साथ ही उनका रनवे भी छोटा है. ऐसे में इन हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालित नहीं हो सकता है. इसे देखते हुए धालभूमगढ़ रनवे को करीब 3.5 किलोमीटर तक ले जाने की योजना है. यह देश के बड़े रनवे में से एक होगा.