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घाघीडीह: शौचालय के वेंटिलेटर में लगे रॉड से रस्सी के सहारे लटका मिला शव, जेल में बंदी ने लगायी फांसी

जमशेदपुर: एक युवती (प्रेमिका) पर जानलेवा हमले के आरोप में पिछले पांच महीने से घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार, मंगलनाथ (21) ने सुबह आठ से साढ़े आठ बजे के बीच जेल परिसर स्थित कैंटीन के पीछे शौचालय में वेंटिलेटर में लगे […]

जमशेदपुर: एक युवती (प्रेमिका) पर जानलेवा हमले के आरोप में पिछले पांच महीने से घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार, मंगलनाथ (21) ने सुबह आठ से साढ़े आठ बजे के बीच जेल परिसर स्थित कैंटीन के पीछे शौचालय में वेंटिलेटर में लगे रॉड के सहारे प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगा ली. पुलिस ने शव को एमजीएम अस्पताल भेज दिया है. डीसी ने मजिस्ट्रेट की देखरेख में उसका पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है. मामले की जांच के लिए धालभूम एसडीओ को मजिस्ट्रेट बनाया गया है.
प्रभारी जेल अधीक्षक से 72 घंटे में मांगी रिपोर्ट : बंदी के फांसी लगाने की सूचना मिलने पर धालभूम एसडीओ प्रभात कुमार, विधि व्यवस्था डीएसपी विमल कुमार, परसुडीह थानेदार जेल पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. इसके उपरांत वार्ड इंचार्ज सहित कुछ बंदियों से पूछताछ भी की. इधर, जेल आइजी प्रशांत कुमार ने एडीएम सह प्रभारी जेल अधीक्षक सुबोध कुमार से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 72 घंटे में मांगी है.
20 मार्च से जेल में था मंगलनाथ : मंगलनाथ बागबेड़ा थाना अंतर्गत बाबाकुटी में बालकराम तिवारी के किराये के मकान में अपनी मां सोमवारीनाथ के साथ रहता था. एक युवती पर जानलेवा हमले के मामले में वह 20 मार्च 2017 से जेल में बंद था.

सुबह चाय पीने के बाद लगायी फांसी: सुबह राजेंद्र वार्ड से सोकर उठने के बाद मंगलनाथ चाय पी. उसके बाद शौचालय चला गया, जहां उसने फांसी लगा ली. जेल के एफ ब्लॉक में लाइन से शौचालय है. दरवाजे के ऊपर का हिस्सा आधा होने से एक बंदी की नजर सबसे पहले पड़ी. जिसके बाद बंदी के फांसी लगाने की सूचना फैली.
सायरन, पगली घंटी बजते ही मची अफरा- तफरी:सुबह पौने छह बजे आम दिनों की तरह घाघीडीह जेल में बंदियों का वार्ड खोला गया. सभी बंदी दैनिक नित्यक्रम में लग गये. सुबह 8:30 बजे अचानक सायरन और पगली घंटी बजने से पुलिसकर्मी जेल परिसर की ओर दौड़ पड़े. अंदर जाने पर बंदी द्वारा फांसी लगाने की बात सामने आयी. पगली घंटी बजते ही बंदी अपने- अपने वार्ड में चले गये.
मुलाकाती और पेशी में हुआ विलंब:बंदी की मौत की वजह से मंगलवार को मुलाकाती और बंदियों की कोर्ट में पेशी ले जाने में विलंब हुआ. मंगलवार को बंदी पेशी के लिए आधा घंटा विलंब से जेल से गये. जबकि बंदियों के परिजनों के साथ मुलाकाती सुबह 8 बजे के बजाये 11 बजे के बाद शुरू हुआ. कई परिजन बिना मिले ही लौट गये.

मृतक की मां बोली, मेरा कोई नहीं बचा
सूचना मिलने पर मृतक मंगलनाथ की मां सोमवारीनाथ, बहन शुकती घोष जेल पहुंची. बिलखत हुए सोमवारीनाथ बार- बार कह रही थी कि मेरा इस दुनिया में कोई नहीं बचा. 15 साल पहले मंगल के पिता दुनिया छोड़ चले गये थे. बड़े बेटे जयपाल की बीमारी से मौत हो गयी थी. अब किसके सहारे जिंदा रहेगी.
जांच हो कैसे लगायी फांसी : मां. सोमवारीनाथ ने कहा कि उसके बेटे ने कैसे फांसी लगायी. इसकी जांच होनी चाहिये. वह रस्सी कहां से लाया. पुलिस को बताना चाहिये.
18 जुलाई को बंदी की मां-बहन से हुई थी अंतिम मुलाकात. घाघीडीह जेल में बंद मंगलनाथ से उसकी मां और छोटी बहन की अंतिम मुलाकात 18 जुलाई 2017 को हुई थी. जेल रिकाॅर्ड के अनुसार उसके बाद उससे किसी ने जेल आकर मुलाकात नहीं की. मंगल राजेंद्र वार्ड के सी सेवन में था. उसमें 32 बंदी थे. पुलिस जांच में यह बात सामने आ रही कि जमानत रद्द होने और बागबेड़ा नया बस्ती की रहने वाली अपनी प्रेमिका को लेकर मंगलनाथ तनाव में था. हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच कर ही है.
मां-बेटी ने लड़की पर लगाया आरोप
मृतक की बहन शुकती घोष ने आरोप लगाया कि नया बस्ती बागबेड़ा की रहने वाली लड़की ने मंगलनाथ को प्रेम जाल में फंसा उससे दो मोबाइल सहित कई सामान ले लिया. केस समाप्त करने के लिए लड़की के परिजन तीस हजार रुपये की मांग कर रहे थे. मंगलनाथ जुगसलाई चौक बाजार में जूता दुकान में काम करता था. आखिर पैसा कहां से देते.

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