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पिछले साल अक्तूबर में बढ़ा था रेट, फिर अगस्त से तैयारी, रजिस्ट्री होगी महंगी

जमशेदपुर: 10 माह में सरकार दूसरी बार रजिस्ट्री की दर बढ़ाने जा रही है. जमशेदपुर में फ्लैट की रजिस्ट्री दर एकमुश्त 10 फीसदी बढ़ाने का निर्देश आ चुका है, जबकि जमीन और सुपर स्ट्रक्चर की रजिस्ट्री दर भी महंगी होने जा रही है. जमीन की रजिस्ट्री का न्यूनतम मूल्य तय करने के लिए नया फाॅर्मूला […]

जमशेदपुर: 10 माह में सरकार दूसरी बार रजिस्ट्री की दर बढ़ाने जा रही है. जमशेदपुर में फ्लैट की रजिस्ट्री दर एकमुश्त 10 फीसदी बढ़ाने का निर्देश आ चुका है, जबकि जमीन और सुपर स्ट्रक्चर की रजिस्ट्री दर भी महंगी होने जा रही है. जमीन की रजिस्ट्री का न्यूनतम मूल्य तय करने के लिए नया फाॅर्मूला बनाया गया है. इसके तहत 1 अक्तूबर 2016 से लेकर 30 जून 2017 तक किसी एक क्षेत्र में जमीन की कुल रजिस्ट्री (संख्या) और उसका टोटल वैल्यू (मूल्य) है, उसको भाग (डिवाइड) करने के बाद जो रेट होगा, वही रेट उस एरिया की जमीन का न्यूनतम मूल्य होगा. रजिस्ट्री का वैल्यू तय करने के लिए एक टीम काम कर रही है, जो सभी जमीन का नये सिरे से रेट तय कर रही है. इसके अलावा फ्लैट का भी नया रेट तय किया जा रहा है.
बाजार रेट व सरकारी रेट का चक्कर. बाजार रेट वह होता है, जो असल में जमीन या फ्लैट की कीमत होती है. वहीं सरकारी रजिस्ट्री का रेट वह होता है, जो न्यूनतम बाजार मूल्य होता है, जिसके माध्यम से लोग जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री कराते हैं. बाजार रेट से हमेशा से सरकारी रेट कम ही होता है, लेकिन जमशेदपुर में यह रेट काफी ज्यादा हो चुका है. इसमें और अब बढ़ोतरी होने जा रही है.
नया रेट एक अगस्त से लागू होना है : रजिस्ट्रार. रजिस्ट्रार वैभवमणि त्रिपाठी ने बताया कि नया रेट एक अगस्त से लागू होना है. नये रेट को लेकर सरकार के आदेश का अनुपालन हम कर रहे हैं और नया रेट बहुत जल्द जारी कर दिया जायेगा.
कारोबार चौपट हो रहा है, सरकार ध्यान दें : बिल्डर्स एसोसिएशन. बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि रियल एस्टेट का कारोबार प्रभावित हो रहा है. इससे आम लोगों को भी परेशानी है. कारोबार अगर नहीं होगा तो हम लोग कहीं और जायेंगे, लेकिन यह प्रैक्टिकल तौर पर रजिस्ट्री का रेट नहीं बढ़ाया जा रहा है.
बाजार मूल्य से अधिक हुआ शहर में न्यूनतम सरकारी मूल्य
पहले से मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट कारोबार पर एक और भार पड़ने जा रहा है. हर साल फ्लैट व जमीन का न्यूनतम सरकारी मूल्य (रजिस्ट्री का रेट) बढ़ते हुए हालत यह है कि महानगरों के बराबर शहर की जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री का रेट हो चुका है. लोग रियल एस्टेट में पैसा लगाना नहीं चाहते हैं. कारोबारी मंदी के कारण कई तो पलायन कर चुके हैं.

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