चौपारण. सामुदायिक अस्पताल में अव्यवस्था के कारण बिरहोर महिला पार्वती देवी की मौत की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार शनिवार को अस्पताल पहुंचे. उन्होंने सभी रजिस्टर एवं रोस्टर की जांच की. स्वास्थ्यकर्मियों को सख्त निर्देश दिया कि अस्पताल में आनेवाले रोगियों का संसाधन के मुताबिक समुचित इलाज हो. स्वास्थ्यकर्मी रोस्टर के हिसाब से अस्पताल में उपस्थित रहें, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी.
क्या है मामला-दरअसल, एक माह में दो बिरहोर की मौत बेहतर इलाज के अभाव में हो चुकी है. एक सितंबर को यमुनियातरी निवासी पूजा कुमारी (15 वर्ष, पिता झमन बिरहोर) एवं एक अक्तूबर की रात बिगहा निवासी पार्वती देवी की मौत स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था की पोल खोल रही है. चौपारण सीएचसी जीटी रोड पर अवस्थित है. यहां अक्सर वाहन दुर्घटना में घायल लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जबकि सच्चाई यह है कि अस्पताल से चिकित्सक नदारद रहते हैं. घायलों को जीवन से भी हाथ धोना पड़ता है.
आयुष एवं सीएचओ के भरोसे अस्पताल : इस अस्पताल में प्रभारी सहित तीन एमबीबीएस चिकित्सक सेवारत हैं. पर यह अस्पताल आयुष या सीएचओ चिकित्सक के भरोसे चल रहा है. अक्सर रात में जिम्मेवार चिकित्सक अस्पताल से गैर हाजिर रहते हैं.
विधायक ने लिया संज्ञान : प्रभात खबर में बिरहोर पार्वती देवी की मौत की खबर प्रकाशित होने के बाद विधायक मनोज यादव ने संज्ञान लिया. उन्होंने अस्पताल की अव्यवस्था से डीसी को अवगत कराया. उसके बाद जांच के लिए सिविल सर्जन पहुंचे.अस्पताल में नहीं रहते हैं प्रभारी : सिविल सर्जन से भाजपा नेता राजदेव यादव, रामस्वरूप पासवान, प्रदीप केसरी, पूर्व मुखिया विनोद सिंह सहित दर्जन भर लोगों ने अस्पताल में प्रभारी के नहीं रहने की शिकायत की. कहा चिकित्सकों की गैर-हाजिरी से मरीज बेहाल हैं. राजदेव यादव ने सिविल सर्जन से कहा जिले के बड़े प्रखंड में चौपारण एक है. यहां आबादी के हिसाब से दो चार और चिकित्सक की सख्त जरूरत है. इस पर सिविल सर्जन ने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के अंदर अस्पताल की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जायेगी. अस्पताल से गायब रहनेवाले चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई होगी.
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