आरिफ हजारीबाग. जिले में तीन से 18 आयु वर्ग के सभी बच्चों का सर्वे होगा. सर्वे कार्य शिक्षा विभाग पूरा करेगा. इसमें आउट ऑफ स्कूल एवं ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान की जायेगी. सभी शिक्षक अपने-अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर बच्चों की गिनती करेंगे. सर्वे कार्य के आधार पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद 2026-27 में वार्षिक कार्य योजना के लिए बजट तैयार करेगा. इसकी शुरुआत बीते 11 दिसंबर से हुई है. सर्वे कार्य को हर हाल में 15 जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने शिक्षा अधिकारियों को पत्र दिया है. सचिव ने राज्य स्तर पर सभी 24 जिले के उपायुक्त को पत्र जारी कर दिशा-निर्देश भेजा है. ————- सर्वे कार्य डिजिटल सर्व कार्य पूरी तरह डिजिटल है. इसमें गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षक सहयोग करेंगे. इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने डहर एप का निर्माण किया है. संबंधित शिक्षक अपने-अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर में जाकर डहर एप को डाउनलोड करेंगे. इसके लिए छह पन्नों का एक दिशा-निर्देश शिक्षकों के लिए जारी हुआ है. ————- शिक्षा कर्मियों को मिलेगा प्रशिक्षण सर्वे कार्य में जिले भर के सभी बीइइओ, बीपीओ, डाटा एंट्री ऑपरेटर, बीआरपी, सीआरपी एवं शिक्षा से जुड़े पदाधिकारी व कर्मियों को इसमें जोड़ा गया है. इन सभी को जिला स्तर पर 15 दिसंबर एवं प्रखंड स्तर पर 17 दिसंबर को प्रशिक्षित किया जायेगा. ————– समय सीमा पर सर्वे कार्य को पूरा करना है. जिम्मेवार शिक्षकों की ओर से लापरवाही होने पर संबंधित शिक्षक एवं स्कूल के प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक सभी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जायेगी. प्रवीण रंजन, डीइओ, हजारीबाग. ————- शिक्षकों को घर-घर जाकर बच्चों के सर्वे में यू डाइस के ड्रॉप बॉक्स में मौजूद बच्चों के आंकड़े का सत्यापन करना है. वहीं, राज्य एवं जिला कार्यालय से चिन्हित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि को सर्वे कार्य में उनका सहयोग लिया जायेगा. जीरो ड्रॉप आउट घोषित स्कूल के मुख्य द्वार के सामने नीले रंग का एक बड़ा झंडा लगेगा. आकाश कुमार, डीएसइ, हजारीबाग.
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