धरमपुर में नल से नहीं गिर रहा जल, शो पीस बन कर रह गयी है सोलर जलमीनार टाटीझरिया. हर घर नल-जल योजना ठेकेदारों व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण धरातल पर जनता की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रही है. गर्मी ने दस्तक दे दी है और नलों से पानी घर में नहीं पहुंच पा रहा है. टाटीझरिया प्रखंड की करीब 2500 की आबादी वाले धरमपुर गांव में कुल 21 सोलर जलमीनार लगायी गयी हैं. सभी जलमीनारों में कुछ न कुछ खामियां हैं, लेकिन इनमें से आधा दर्जन ऐसी सोलर जलमीनार हैं, जो सिर्फ शो-पीस बनी हुई है. यहां के ग्रामीणों को पेयजल के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. धरमपुर पंचायत की मुखिया कांति देवी, मुखिया प्रतिनिधि अशोक यादव, वार्ड सदस्य रिंकी देवी, पुष्पा देवी, विमला देवी, किरण देवी, पूजा देवी, पार्वती देवी, मंजू देवी, महेंद्र साव, सुशीला देवी, उंगली देवी, मंजू देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सोलर जलमीनार से पेयजल की सुविधा बंद है. गांव के प्राय: कुआं व जलस्रोत सूखने के कगार पर हैं. पेयजल के लिए ग्रामीण त्राहिमाम कर रहे हैं. सोलर जलमीनार का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण ग्रामीणों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. जलमीनार शो-पीस बन कर रह गयी है. धरमपुर निवासी छोटी प्रजापति ने बताया कि गंदा पानी का उपयोग करने के लिए सभी मजबूर हैं. घर तक किसी तरह सोलर टंकी से पानी पहुंच रहा था, लेकिन सड़क बनाने के दौरान पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है, जिससे सड़क पर पानी बहता रहता है और घरों तक पानी नहीं पहुंचता है. 70 वर्षीय तेतरी देवी 500 मीटर दूर से पानी ढोने के लिए विवश हैं. टाटीझरिया के सदारो और बन्हें में वाटर फिल्टर की बड़ी टंकी बन कर तैयार है, लेकिन यहां तक पानी ही नहीं पहुंचा है. गर्मी बढ़ने के साथ ही भू-जल स्तर गिरने से अधिकतर कुएं सूख चुके हैं व हैंडपंप हांफ रहे हैं. ऐसे में लोगों को पानी के लिए परेशानी हो रही है.
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