हजारीबाग. नगर भवन में गुरुवार को आयोजित स्कूल रूआर 2025 कार्यशाला में कार्यक्रम को सफल बनाने के जिम्मेदार लोगों ने भाग नहीं लिया. इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड साधनसेवी, संकुल साधनसेवी, गैर सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधि व पीआरआई के प्रतिनिधि को भाग लेना था. इसके अलावा पीरामल फांउडेशन, रूम टू रीड, सी थ्री, लीडस के जिला प्रतिनिधि को भी कार्यक्रम में बुलाया गया था. इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक ने सभी जिम्मेदार लोगों को 23 अप्रैल को पत्र भेजा था. इसके बावजूद कार्यशाला में अधिकतर कुर्सियां खाली रहीं. इससे स्कूल रूआर 2025 के सफलता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया.
क्या है रूआर 2025
रूआर 2025 के तहत ड्रॉप आउट बच्चों को फिर से स्कूल लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. डीइओ प्रवीण रंजन ने बताया यह अभियान 10 दिन का है, जो 25 अप्रैल से 10 मई तक चलेगा. बैक टू स्कूल कैंपेन में शिक्षा से दूर रहनेवाले पांच से 18 वर्ष तक के बच्चों का स्कूल में ठहराव और उनके नामांकन पर जोर दिया जायेगा. डीएसइ आकाश कुमार ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में लगातार शिक्षक-अभिभावक दिवस, मुखिया सम्मेलन, व्यावसायिक शिक्षा, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का संचालन, निपुण भारत कार्यक्रम, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा, खेलो झारखंड जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित किया गया है. इसमें बैक-टू-स्कूल कैंपेन को अधिक प्रभावी बनाया गया है. इस कार्यक्रम में करीब 150 लोगों ने भाग लिया है. बीडीओ को इस कार्यक्रम के बारे में जिला की मीटिंग में पहले ही बता दिया गया था, इसलिए इस कार्यक्रम में नहीं आये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है