हजारीबाग. डीजीएम कुमार गौरव की हत्या के बाद एनटीपीसी का कोयला रैक पिछले तीन दिनों से बंद है. हजारीबाग एनटीपीसी कोल माइंस से देश के विभिन्न बिजली ताप घरों तक कोयला नहीं पहुंच रहा है. हजारीबाग से इन विद्युत ताप घरों में रेलवे के माध्यम से कोयला पहुंचता है. इससे रेल को बड़ा राजस्व मिलता है. नौ मार्च से कोयला रैक परिचालन ठप है. इससे रेलवे को करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हजारीबाग बानादाग कोल साइडिंग पर मालवाहक ट्रेन खड़ी हैं. प्रत्येक दिन 10 रैक कोयले की ढुलाई : हजारीबाग बानादाग व अन्य एनटीपीसी रेलवे साइडिंग से प्रत्येक दिन 10 रैक कोयले की ढुलाई होती है. पिछले तीन दिनों से कोयले की ढुलाई ठप होने से रेलवे को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, एक रैक कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे को एनटीपीसी 50 लाख रुपया भुगतान करता है. सुरक्षा की मांग कर रहे हैं पदाधिकारी : डीजीएम की हत्या के बाद से एनटीपीसी कोयला ढुलाई का कार्य बंद है. मंगलवार को भी एनटीपीसी के चट्टी बरियातु, पकरी बरवाडीह और केरेडारी कोल परियोजना से कोयले की ढुलाई नहीं हुई है. एनटीपीसी के अधिकारी व कर्मी सुरक्षा की मांग, दोषियों पर कार्रवाई, अपराधियों की गिरफ्तारी और पीडित परिवार के लिए मुआवजा एवं नौकरी की मांग कर रहे हैं. एनटीपीसी के अधिकारियों ने सरकार से 50 करोड़ रुपये का इंश्योरेंस करने की मांग की है. एनटीपीसी की कोल परियोजनाओं में 11 मार्च को कोयला उत्पादन काफी कम हुआ. एनटीपीसी के अनुसार, पकरी बरवाडीह कोल परियोजना से 50 हजार मिट्रिक टन, चट्टी बरियातु कोल परियोजना से 18 से 20 हजार मिट्रिक टन और केरेडारी कोल परियोजना से 20 हजार मिट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता है.
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