5 हैज 112 में- जांच करते ड्रग्स इंस्पेक्टर, कार्यपालक दंडाधिकारी व अन्य हजारीबाग. शुक्रवार को जिलेभर में स्थित सभी दवा प्रतिष्ठानों थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता एवं मेडिकल दुकानों पर खांसी का सिरप तथा अन्य नारकोटिक दवाओं की बिक्री व भंडारण की व्यापक जांच की गयी. अभियान के अंतर्गत दवा दुकानों के स्टॉक रजिस्टर का मिलान, खरीद-बिक्री संबंधित दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया और विशेष रूप से नियंत्रित दवाओं की बिना चिकित्सीय परामर्श बिक्री की पड़ताल की गयी. यह अभियान 6 दिसंबर तक जारी रहेगा. जांच के दौरान अधिकांश दुकानों में अनियमितताएं पायी गयी. अनेक दुकानदार बिना चिकित्सीय पर्ची के दवाइयों, विशेषकर नारकोटिक श्रेणी की दवाओं, की बिक्री करते पाये गये. टीम ने पाया कि कई दुकानों में स्टॉक रजिस्टर और वास्तविक भंडार का मिलान नहीं हो रहा था. अभियान के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गयी थी, जिसमें ड्रग्स इंस्पेक्टर राजीव एक्का, कार्यपालक दंडाधिकारी प्रेम कुमार तथा चिकित्सा पदाधिकारी अमरेश कुमार शामिल थे. ड्रग्स इंस्पेक्टर राजीव एकता ने बताया कि भगत मेडिकल सहित कई दुकानों में खरीद एवं स्टॉक में भारी अंतर पाया गया है. सभी दुकानों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो संबंधित दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिये जायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

