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हजारीबाग : दो महीने बाद भी 25% नामांकन निजी स्कूलों ने नहीं किया पूरा, 70 सीटें खाली

हजारीबाग के निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत नामांकन कार्य कछुआ गति में चल रहा है. अधिकांश विद्यालयों ने समय पर नामांकन कार्य को पूरा नहीं किया है. झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय से प्राप्त आंकड़े के अनुसार 14 निजी विद्यालयों ने 247 के विरुद्ध शनिवार (13 मई) तक 177 नामांकन लिया है.

हजारीबाग, आरिफ. उत्तरी छोटानागपुर का प्रमंडलीय मुख्यालय जिला हजारीबाग के निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत नामांकन कार्य कछुआ गति में चल रहा है. अधिकांश विद्यालयों ने समय पर नामांकन कार्य को पूरा नहीं किया है. झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय से प्राप्त आंकड़े के अनुसार 14 निजी विद्यालयों ने 247 के विरुद्ध शनिवार (13 मई) तक 177 नामांकन लिया है. शेष 70 सीटें अभी भी खाली है. चालू सत्र के लगभग दो महीने बीत गये. नामांकन कार्य पूरा नहीं होने से कई बीपीएल परिवार के विद्यार्थी लाभ से वंचित हैं. इस पर किसी का ध्यान नहीं है.

सभी स्कूल की सूची

शहर के संत पॉल हाई स्कूल में 12 नामांकन हुआ है. जैक एंड जिल ने सात, कनहरी रोड़ स्थित माउंट एगमाउट ने 14, एंजल हाई स्कूल सिरसी चार, नेशनल पब्लिक स्कूल 12, कुम्हारटोली सरस्वती शिशु मंदिर 10, टीवी टावर दिल्ली पब्लिक स्कूल 15, मिशन रोड स्थित संत स्टेफेन 25, हुरहुरू रोड स्थित श्री रामकृष्ण शारदा मठ एंड मिशन 11, चैंपियन बेसिक अकैडमी इचाक प्रखंड 17, सुरेखा भाई पब्लिक स्कूल बहेरा चौपारण प्रखंड 15, संत अगस्टिन हाई स्कूल कंचनपुर जैलमा कटकमसांडी प्रखंड पांच, डिवाइन पब्लिक स्कूल गंगपाचो बरकट्ठा प्रखंड 20 एवं डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी बड़कागांव प्रखंड ने अब तक 10 विद्यार्थियों का नामांकन किया है.

40 लाख बांटे- वर्ष 2009 से जिले के 14 निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत बीपीएल विद्यार्थियों का नामांकन शुरू है. विद्यार्थियों पर होने वाले सालाना (एक वर्ष) खर्च हजारीबाग झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से निजी विद्यालयों को मिलता है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में सभी 14 निजी विद्यालयों के बीच लगभग 40 लाख बांटे गए हैं. एक विद्यार्थी पर एक महीने में 425 रूपये के हिसाब से एक वर्ष में 5,100 (पांच हजार एक सौ) निजी विद्यालय को मिलता है. 31 मार्च 2023 से पहले सभी निजी विद्यालयों को उनके बकाया का भुगतान किया गया है. वहीं, जिले में कुछ ऐसे भी निजी विद्यालय हैं, जहां 25 प्रतिशत नामांकन लिया जाता है. बदले में सरकार से मिलने वाली लाभ (पैसा) निजी विद्यालय नहीं लेते हैं.

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25 प्रतिशत विद्यार्थियों के नामांकन को जानें- पूरे देश में शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 में लागू हुआ है. इसमें सीबीएसई से मान्यता प्राप्त एवं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद से यूडाइस कोड मिले निजी विद्यालयों को अपने पोशाक क्षेत्र में रहने वाले गरीब, निर्धन एवं असहाय (बीपीएल) परिवार के विद्यार्थियों का नामांकन लेना अनिवार्य किया गया है. प्रावधान के अनुसार नामांकन नहीं लेने वाले निजी विद्यालय दोषी हैं. जांच में दोषी पाए जाने पर निजी विद्यालयों की सीबीएसई मान्यता रद्द हो सकती है. यूडाइस कोड को समाप्त किया जा सकता है.

संसाधन अनुसार फीस नहीं- कई निजी विद्यालय विद्यार्थियों के नामांकन लेने में आनाकानी कर रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक निजी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि बीपीएल विद्यार्थियों की पढ़ाई का फीस हजारीबाग झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय से समय पर नहीं मिलता है. पैसे देने में परियोजना कर्मी नाना प्रकार के बहाना बनाते हैं. वहीं, संसाधन के अनुसार प्रति विद्यार्थी पर 425 रूपये फीस कम है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय हजारीबाग की अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एडीपीओ) सुनीला लकड़ा ने कहा कि निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत नामांकन कार्य शीघ्र पूरा होगा. सभी विद्यालय प्रबंधन के साथ लगातार समीक्षा बैठक की जा रही है. डीएसइ संतोष गुप्ता ने कहा कि निर्धारित सीट खाली रखने एवं समय अनुसार 25 प्रतिशत नामांकन पूरा नहीं करने वाले निजी विद्यालय दोषी हैं. जांच के बाद कार्रवाई होगी.

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