इचाक. नेशनल पार्क के बीच बसे कैले गांव में जल, जंगल बचाव समिति द्वारा बुधवार को वन महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़-पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर पेड़ बचाने, पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने और हर व्यक्ति को कम से कम पांच पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया. डीएफओ सूरज कुमार सिंह ने बरगद का पौधा लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. डीएफओ ने कहा कि मानव स्वार्थ के कारण लगातार वन उजड़ रहे हैं, जिसका दुष्परिणाम हमें भुगतना पड़ रहा है. पेड़-पौधों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. जिप अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता ने कहा कि धरती पर पेड़ रहेंगे, तभी जीवन खुशहाल होगा. उप प्रमुख सत्येंद्र मेहता ने कहा कि वन बचाने की मुहिम हर क्षेत्र में होनी चाहिए, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को तकलीफ न हो. मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता ने कहा पेड़ पौधे प्रकृति का अनुपम उपहार है. हमें इसे हरा भरा रखना चाहिए. रमेश रंजन ने कहा कि समुदाय विशेष द्वारा चलाए जा रहे मुहिम से ही जंगल और वन्य जीव संरक्षित हो रहे हैं. रेंजर रामबाबू कुमार, समाजसेवी सुरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रभारी वनपाल पवन कुमार कश्यप, मुकेश कुमार, वनरक्षी श्रवण कुमार, अनिल रमण, वाल्टर बारला, अभिषेक कुमार, नीरज पंडित समेत कई पर्यावरण प्रेमियों ने अपनी बातें रखी. मौके पर पर्यावरण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सेवलाल महतो, लालकेश्वर महतो, सोनालाल महतो, खेदु महतो, सोमर महतो, रामदेव महतो, सोहन महतो, जयप्रकाश केसरी, राजेश्वर महतो, कौशल्या देवी, यशोदा देवी, सुनीता देवी, ललिता देवी, मुनिया देवी, बिलासो देवी, पार्वती देवी, अनीता देवी, जयवीर कुमार, महावीर महतो, फागु महतो, बबलू कुमार ने अहम भूमिका निभायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है