: प्रकृति की आराधना कर जल-जंगल-जमीन की रक्षा का लिया संकल्प टाटीझरिया. रूसिका संताल समिति मुरकी के तत्वावधान में सोमवार की रात प्रकृति पर्व सरहुल हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. गांव के सरना स्थल पर विधिवत आराध्य देव मरांग बुरू की पूजा-अर्चना कर जल, जंगल, जमीन की रक्षा के साथ-साथ क्षेत्र की हरियाली-खुशहाली की कामना की. पूजा-अर्चना के बाद सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि टाटीझरिया पंचायत के मुखिया सुरेश यादव ने कहा कि प्रकृति का यह पर्व लोगों को उत्साहित करने वाला तथा जनजातीय समुदाय के जीवन को दर्शाता है. सरहुल प्रकृति की उपासना का पर्व है, जिससे हमें जीवन की प्राप्ति होती है. अतिथियों का स्वागत सरना समिति द्वारा पगड़ी पहना कर किया गया. महोत्सव के दौरान रात भर लोग मांदर की थाप पर परंपरागत नृत्य-गीत प्रस्तुत किया. मौके पर राजेंद्र टुडू, डेगलाल बेसरा, मुकेश कुमार टुडू, राज टुडू, दीपक टुडू, जीवलाल बेसरा, संजीत मुर्मू, संजय टुडू, प्रदीप टुडू, महेंद्र बेसरा, टिंकू मुर्मू, सहदेव मांझी, सोनाराम बेसरा, बिनोद बेसरा, अजीत कुमार टुडू, संजूल मुर्मू, सहदेव मुर्मू, बीरू सोरेन, मनोज सोरेन, साहेबराम सोरेन, छोटन टुडू, सागर टुडू समेत काफी संख्या में मुरकी, कंदागढ़ा और गरमरा के लोग मौजूद थे.
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