बरकट्ठा. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गोरहर के ग्राम नावाडीह मैदान में जेबीकेएसएस की बदलाव संकल्प महासभा हुई. अध्यक्षता केंद्रीय महासचिव महेंद्र प्रसाद मंडल ने की. संचालन उपमुखिया अरुण कुमार महतो ने किया. मुख्य अतिथि केंद्रीय अध्यक्ष सह डुमरी विधायक टाइगर जयराम महतो, जिप सदस्य प्रतिनिधि सीके पांडेय, पूर्व जिप सदस्य प्रतिनिधि केदार साव, प्रेम नायक, पंसस लखन महतो, कुंजलाल महतो थे. जयराम महतो ने कहा कि झारखंड में एक नये बदलाव की जरूरत है. झारखंड अपने निर्माण के 25 सालों के बाद भी शोषण से मुक्त नहीं हुआ है. राज्य की नौकरशाही ने इस राज्य को सिर्फ लूटा है. यहां के नेताओं ने भी सिर्फ अपनी तिजोरी भरी है. महेंद्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड को बचाने की लड़ाई सबको मिलकर लड़नी होगी. झारखंड आज एक ऐसे रास्ते पर खड़ा है, जहां से एक नयी शुरुआत की जरूरत है. हमारी माटी के साथ छल इतना अधिक कर दिया गया है कि अब पूरा झारखंड जाग चुका है. यह आंदोलन अब नहीं रुकेगा. इस अवसर पर देवचंद महतो, प्रमोद यादव, सोहर महतो, छोटन कोल, प्रदीप महतो, राजेंद्र महतो, रामसुंदर कुमार बैजनाथ महतो, गणेश महतो, धीरेंद्र महतो, कुमकुम कुमारी, मोनिका कुमारी, मनीषा कुमारी, सुमन कुमारी, काजल कुमारी, सीमा कुमारी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
25 वर्षों बाद भी शोषण मुक्त नहीं हुआ झारखंड
जयराम महतो ने कहा कि झारखंड की स्थानीय नीति, नियोजन नीति, पुनर्वास नीति में कोई स्पष्टता नहीं है. झारखंडी की पहचान आज तक परिभाषित नहीं हो पायी है. झारखंड में भी बिहार की तरह नियोजन नीति लागू हो. बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार के पास भी यह हक है कि संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अधिनियम, संकल्प या गजट को अंगीकृत कर सकते हैं. इसी के तहत 1982 की नियोजन नीति को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी नियोजन की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

