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बड़कागांव और केरेडारी में रेलवे लाइन और शिक्षा मुख्य चुनावी मुद्दे

हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के बड़कागांव और केरेडारी प्रखंड आज तक रेलवे लाइन से जुड़ नहीं पाया है.

बड़कागांव.

हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के बड़कागांव और केरेडारी प्रखंड आज तक रेलवे लाइन से जुड़ नहीं पाया है. लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी आश्वासन देने के बाद भूल जाते हैं. इस बार भी लोकसभा चुनाव में रेलवे लाइन चुनावी मुद्दा है. बड़कागांव प्रखंड में सीसीएल द्वारा कोयलवारी जरजरा पंचायत में है. एनटीपीसी द्वारा भी बड़कागांव के चिरुडीह बरवाडीह में कोयला खदान खोला गया है. इन दोनों कोयलवारियों से करोड़ों रुपये के हर दिन कोयले का निर्यात किया जाता है. सरकार को कोयला से करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. केरेडारी व बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय को आज तक रेलवे लाइन से नहीं जोड़ा गया. इन दोनों प्रखंडों के लोगों को नयी दिल्ली, पटना, मुंबई, लखनऊ, नैनीताल, केदारनाथ, अयोध्या, बद्रीनाथ, कोलकाता, गुजरात अन्य राज्यों और शहरों में जाने के लिए रेल से सफर के लिए 86 किलोमीटर दूर कोडरमा रेलवे स्टेशन या 60 किलोमीटर दूर खलारी रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है. लोकल रेल पकड़ने के लिए 30 किलोमीटर दूर हजारीबाग रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है. इन रेलवे स्टेशनों में जाने के लिए अतिरिक्त भाड़ा और समय लोगों को देना पड़ता है. पिछले 25 वर्षों से लोकसभा चुनाव में रेलवे लाइन का मुद्दा छाया रहा. लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद इसकी कभी चर्चा भी नहीं होती है. इस बार भी बड़कागांव के मतदाता जागरूक हैं. मतदाताओं का कहना है कि जो प्रत्याशी रेलवे लाइन को बड़कागांव-केरेडारी से जोड़ेगा, वैसे ही प्रत्याशी को वोट देकर सांसद बनाएंगे. बड़कागांव में रेलवे लाइन जोड़ने या स्टेशन खुलने से सभी वर्गों को लाभ होगा. चाहे वह व्यवसायी हों या किसान.

शिक्षा तक हो सबकी पहुंच

साईं मेडिकल के खिरोधर कुमार का कहना है कि यहां का मुख्य चुनाव मुद्दा रेलवे लाइन है. रेलवे स्टेशन नहीं रहने के कारण रांची के हटिया, कोडरमा या बरकाकाना जाना पड़ता है. राजेंद्र प्रसाद चौरसिया का कहना है कि रेलवे लाइन या रेलवे स्टेशन प्रत्याशियों को मुद्दा बनाना चाहिए. रेलवे लाइन आवश्यक है. बेंगलुरु जाने के लिए कोडरमा या रांची में जाकर रेल पकड़ना पड़ता है. अतिरिक्त 5000 खर्च हो जाता है. संजय स्वीट के संजय गुप्ता का कहना है कि यहां का मुख्य मुद्दा रेलवे स्टेशन ही है. रेलवे स्टेशन बनने से आवागमन से लेकर व्यापार तक पूरा लाभ मिलेगा.

रेलवे लाइन बनने से सभी वर्गों को फायदा

मुख्य चौक निवासी सीताराम खंडेलवाल का कहना है कि रेलवे स्टेशन नहीं बनने से 80-90 किलोमीटर दूर रांची या कोडरमा रेल पकड़ने के लिए जाना पड़ता है, जो प्रत्याशी बड़कागांव में रेलवे स्टेशन बनायेगा उसी को वोट करेंगे. बड़कागांव 15 नंबर चौक के मनु होटल के अभिमन्यु कुमार गुप्ता का कहना है कि रेलवे स्टेशन यहां बनने से किसानों को साग-सब्जी भेजने में आसानी होगी. बड़कागांव चौक के रवि स्टील एंड लक्ष्मी अलंकार ज्वैलर्स के अरविंद कुमार वर्मा का कहना है कि बड़कागांव से कोयला से करोड़ों रुपये का राजस्व का लाभ सरकार को लाभ मिलता है.

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Prabhat Khabar News Desk
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