बड़कागांव. पंकरी बरवाडीह गांव स्थित भोक्ता स्थान पर 23 सितंबर की सुबह 6:10 बजे इक्विनॉक्स (समदिवारात्रि) का नजारा देखने पहुंचे खगोल प्रेमी निराश होकर लौटे. बादल व बारिश के कारण सूर्योदय का अद्भुत नजारा लोग नहीं देख पाये. नौ बजे के बाद जब बादल पूरी तरह छट गये, तो कुछ लोगों ने सूर्य को देखा, लेकिन सूर्य अपने क्षितिज से काफी ऊपर उठ चुका था. 23 सितंबर को सूर्य शून्य डिग्री पर होता है जिसके कारण दिन व रात बराबर होते हैं. दूसरे दिन 24 सितंबर से सूर्य मकर रेखा की तरफ दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर अग्रसर होते दिखायी देता है. इस दिन से दिन छोटी तथा रात बड़ी होती है. इस दिन सूर्य का उत्तरायण से दक्षिणायण होने का नजारा वहां खड़े ‘वी’ आकार के दो महापाषाणों (मेगालिथ) के बीच से एक निश्चित जगह बने पत्थर के पास से ही दिखता है. यह नजारा वर्ष में दो दिन 21 मार्च एवं 23 सितंबर को दिखता है. जब रात और दिन बराबर होते हैं. 21 जून एवं 22 दिसंबर को भी सूर्योदय का नजारा देखा जाता है.
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