: मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा हजारीबाग. झारखंड विस्थापित संघर्ष मोर्चा समेत विस्थापन से जूझ रहे संगठनों ने मंगलवार को विधानसभा मार्च किया. इसका नेतृत्व संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने किया. मार्च में झारखंड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा, झारखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, एचइसी कोयलकारो, नेतरहाट फायरिंग रेंज संघर्ष समिति, कर्णपुरा बचाव आंदोलन, सिंहपुर कठौतिया रेलवे लाइन, भारतमाला रोड, झारखंड राज्य स्वतंत्रता सेनानी विचार मंच से जुड़े नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए. मार्च के बाद संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया, जिसमें कहा है विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का गठन एक माह के अंदर किया जाये. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू करने, जबरन भूमि अधिग्रहण बंद करने, उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं करने, हजारीबाग जिले के बड़कागांव में गोंदलपुरा, बादम, मोइत्रा कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द करने, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में हुए गैर मजरूआ जमीन के भूमि बैंक को रद्द करने समेत अन्य मांगे शामिल हैं. भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने झारखंड आंदोलनकारियों को जेल की बाध्यता समाप्त कर एक समान पेंशन देने, सभी आंदोलनकारियों को 50-50 हजार की सम्मान राशि एवं ताम्र पत्र देने, पर्यावरण को दूषित करने वाले सभी कंपनियों पर कार्रवाई करने, 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 10 हजार रुपया पेंशन देने एवं सस्ते दर पर समय पर खाद-बीज देने, बेरोजगार युवकों को रोजगार देने एवं जबतक रोजगार नहीं मिलता है, तब तक प्रतिमाह 10 हजार बेरोजगारी भत्ता देने आदि की भी मांग की है. मार्च में पुष्कर महतो, डॉ वासवी किड़ो, बटेश्वर प्रसाद मेहता, गौतम सागर राणा, लखनलाल, अर्जुन कुमार, महेश बान्डो, गयानाथ पांडे, मो हकीम शामिल थे.
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