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फायरिंग रेंज में ग्रामीण घायल

घटना. पुुलिस की मुस्तैदी के बावजूद पीतल चुनने चला गया था शख्स फायरिंग रेंज में घुसने पर पाबंदी के बावजूद जुलजुल के ग्रामीण पीतल चुनने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसका खामियाजा बुधवार को एक ग्रामीण को उठाना पड़ा. फायरिंग रेंज से दागे गये मोर्टार के गोले की चपेट में वह आ गया और […]

घटना. पुुलिस की मुस्तैदी के बावजूद पीतल चुनने चला गया था शख्स
फायरिंग रेंज में घुसने पर पाबंदी के बावजूद जुलजुल के ग्रामीण पीतल चुनने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसका खामियाजा बुधवार को एक ग्रामीण को उठाना पड़ा. फायरिंग रेंज से दागे गये मोर्टार के गोले की चपेट में वह आ गया और घायल हो गया. उसकी स्थिति है.
हजारीबाग : बीएसएफ की जुलजुल फायरिंग रेंज में चोरी-छिपे पीतल चुनने गये एक व्यक्ति के पैर पर मोर्टार का गोला गिर जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसके बायें पैर के नीचे का हिस्सा जल गया है.
घायल भुवनेश्वर साव-पिता शिबू साव ओरिया दुगधा गांव का रहनेवाला है. बुधवार की दोपहर को उस वक्त घटी, जब बीएसएफ 159 बटालियन, त्रिपुरा कंपनी के जवान फायरिंग कर रहे थे. बीएसएफ के पदाधिकारियों के अनुसार घायल व्यक्ति टारेगेट एरिया में छिपा हुआ था. उसी वक्त मोर्टार का गोला ऊपर से नीचे गिर रहा था, जिसकी चपेट में वह आया. घायल को उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिये रिम्स रेफर किया गया है.
पूरी तरह से मुस्तैद रहते हैं जवान : फायरिंग से एक दिन पहले क्षेत्र की जांच की जाती है. वहीं आसपास के क्षेत्रों में बीएसएफ की ओर से फायरिंग रेंज में लोगों को नहीं घुसने की चेतावनी दे दी जाती है. वहीं फायरिंग के दिन दो जिप्सी से जवान फायरिंग रेंज में किसी बाहरी व्यक्ति को रोकने के लिए तैनात रहते हैं. इसके अलावा छह स्थानों पर संतरी ड्यूटी पर लगे रहते हैं. क्यूआरटी की दो गाड़ियों में छह-छह जवान सुरक्षा में लगाये गये हैं. बीएसएफ की ओर से दुगधा, जुलजुल, सीतागढ़, बंगलवा टांड, पिंजड़ापोल व आसपास सुरक्षा की जाती है.
गांव में दुकान चलाता है
घायल भुवनेश्वर साव की मां मोहिनी देवी ने पुलिस को बताया कि पीतल चुनने को लेकर कई बार उसने अपने बेटे को मना किया था. भुवनेश्वर गांव में एक छोटी दुकान चलाने के साथ हैंड बोरिंग का भी काम करता है. घायल की चार पुत्री और एक पुत्र है. फायरिंग रेंज में तैनात चौकीदार सोनू पासवान के अनुसार एक गोला के फ्यूज से तीन ग्राम पीतल निकलता है. एक पीतल फ्यूज का 60-70 रुपया मिलता है. इसी लालच में लोग जान जोखिम में डाल कर फायरिंग रेंज में घुस आते हैं.
50 से 200 गज की दूरी से फायरिंग
बताया जाता है कि बीएसएफ के जवान 50,100 एवं 200 गज की दूरी से फायरिंग करते हैं. आसपास के गांवों में फायरिंग के पूर्व लोगों को सावधान किया जाता है. जुलजुल पहाड़ के पीछे से पीतल चुनने के लालच में ग्रामीण किसी तरह घुसने में कामयाब हो जाते हैं, जिस कारण उनके साथ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं.

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