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पैक्सों में धान की खरीदारी रुकी, किसान हुए परेशान
समस्या. एफसीआइ व राइस मिल के बीच पीस रहे किसान हजारीबाग : जिले के 19 धान क्रय केंद्रों में खरीदारी बंद है. लगभग 5.50 लाख क्विंटल धान की खरीदारी नहीं हो पायी है. अब किसान पैक्स के जरिये धान बेचने के इंतजार में हैं. एक माह बाद भी पैक्स ने धान की खरीदारी नहीं की, […]
समस्या. एफसीआइ व राइस मिल के बीच पीस रहे किसान
हजारीबाग : जिले के 19 धान क्रय केंद्रों में खरीदारी बंद है. लगभग 5.50 लाख क्विंटल धान की खरीदारी नहीं हो पायी है. अब किसान पैक्स के जरिये धान बेचने के इंतजार में हैं. एक माह बाद भी पैक्स ने धान की खरीदारी नहीं की, तो किसान परेशान हो गये. राज्य सरकार पैक्सों के माध्यम से किसानों का धान समर्थन मूल्य पर खरीद रही है, लेकिन इसमें काफी पेचिदगियां हैं.
किसानों का धान कई प्रक्रियाओं के बाद राइस मिल तक पहुंचता है. इसके बाद ही धान का समर्थन मूल्य किसानों के खाते में डाला जाता है. इस प्रक्रिया में एक माह से अधिक का समय लगता है.
पैक्स सहकारिता विभाग के जरिये धान की खरीद कर झारखंड राज्य खाद्य निगम को रिपोर्ट भेजता है. रिपोर्ट एफसीआइ, धनबाद को भेजी जाती है. वहां टेक्निकल टीम धान की जांच करती है. उसके बाद प्रमाण पत्र के आधार पर पीजी या सीडब्ल्यूसी के गोदाम में सीएमआर चावल को भेजा जाता है. पूरी प्रक्रिया में एक माह लग जाते हैं. उसके बाद ही किसानों के खाते में धान का मूल्य डाला जाता है.
पदाधिकारी बोले : बंद नहीं हुई है खरीदारी
सहकारिता पदाधिकारी लुइस टोप्पो ने कहा कि जिले में धान की खरीदारी बंद नहीं हुई है. जैसे ही राइस मील चावल एफसीआइ को भेजेंगे, वैसे ही पैक्सों में रखे धान का उठाव शुरू होगा. पैक्सों में धान रखने के लिए जगह नहीं होने के कारण खरीदारी प्रभावित हुई है.
किसानों ने मांगे पैसे, तो बंद कर दी खरीदारी
चार जनवरी 2016 को उपायुक्त के निर्देश के बाद सहकारिता विभाग ने 19 पैक्स क्रय केंद्रों में धान की खरीदारी शुरू की. इस दौरान करीब 44 से 45 हजार क्विंटल धान की खरीदारी की गयी.
इतने दिनों में धान से सभी पैक्स गोदाम भर गये. किसान धान के मूल्य मांगने लगे. किसी भी किसान को एक माह में सहकारिता विभाग की ओर से भुगतान नहीं किया जा सका. इसके बाद पैक्सों ने धान की खरीदारी बंद कर दी. जिले के मात्र 1771 किसान ही धान की बिक्री कर पाये. आज भी करीब एक लाख से अधिक किसानों का धान उनके खलिहान और घरों में रखा हुआ है. इधर, पैक्स की ओर से 31 मार्च तक ही धान की खरीदारी की जायेगी.
एफसीआइ और मिल में तालमेल नहीं
सरकारी प्रक्रिया के अनुसार राइस मील को पहले चावल एफसीआइ को भेजना पड़ता है. उसके बाद ही उतना धान का उठाव पैक्स कर सकता है. सहकारिता विभाग ने अभी तक 37 लॉट (14615 क्विंटल) धान के लिए बल प्रयोग प्रमाण पत्र भेजा है, लेकिन 21 लॉट ही धान एफसीआइ ने प्राप्त किया है. 16 लॉट धान राइस मील के आग्रह के बाद भी एफसीआइ नहीं ले रहा है, इस कारण धान की खरीदारी प्रभावित हुई है.
किसानों ने कहा
चिरुआं के कारू साव, संतोष प्रसाद, अशोक प्रसाद, हरि साव, गिरिधारी साव सहित कई किसानों ने कहा कि पैक्स खरीदारी नहीं कर रहा. घर में रखे धान चूहे खा रहे हैं. धान की खरीदारी करनेवाले बिचौलिया समर्थन मूल्य से पांच रुपये प्रति किलोग्राम कम पर धान खरीदना चाहते हैं. इससे हमें नुकसान होगा.
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