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विवि को आगे बढ़ाने का संकल्प
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय सीनेट की 13वीं बैठक मंगलवार को विज्ञान भवन के आर्यभट्ठ सेमिनार हॉल में हुई. अध्यक्षता कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत विभावि के कुलगीत से हुआ. संचालन कुलसचिव डॉ एसके सिन्हा ने किया. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने सीनेट सदस्यों को संबोधित करते […]
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय सीनेट की 13वीं बैठक मंगलवार को विज्ञान भवन के आर्यभट्ठ सेमिनार हॉल में हुई. अध्यक्षता कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत विभावि के कुलगीत से हुआ. संचालन कुलसचिव डॉ एसके सिन्हा ने किया. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने सीनेट सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि विभावि को आगे बढ़ाने में आपलोगों से बहुत उम्मीद है. विश्वविद्यालय सबसे ऊपर है. विश्वविद्यालय है तो हम सभी हैं.
विश्वविद्यालय के लिए हमलोग क्या कर सकते हैं इस पर सभी का ध्यान होना चाहिए. झारखंड में हमलोग शिक्षा के मामले में बहुत पिछड़े हुए हैं. इसे आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक सोच की जरूरत है. सीनेटर एवं शिक्षकों को एक अच्छा अवसर मिला है. शिक्षा के लिए काम करें. उन्होंने बताया कि हमलोग शिक्षाविद हैं. शिक्षक विद्यार्थियों के साथ जुड़ कर उन्हें प्रेरित करें. पढ़ाई के मामले में मैं कोई समझौता करनेवाला नहीं हूं.
शिक्षक विद्यार्थियोंको पढ़ायें, इसके लिए पूरी योजना बनायी गयी है. शिक्षकों का पूरा ध्यान पढ़ाई पर होना चाहिए. शिक्षकों के हित की लड़ाई मैं लड़ूंगा. विभावि में जल्द ही ऑन लाइन परीक्षा ली जायेगी. नये पाठयक्रम फिजियाेथेरेपी, एलएलएम, सिविल इंजीनियरिंग, माइनिंग चालू किया जायेगा. विनोबा भावे मेमोरियल लेक्चर सीरिज की शुरुआत जल्द होगी. आप सभी के सहयोग से विभावि को नया रूप एवं नयी पहचान मिली है.
13 सीनेटरों ने ली शपथ
सीनेट की 13वीं बैठक में 13 नये निर्वाचित सीनेटर को कुपपति प्रो गुरदीप सिंह ने सदन में निष्ठा एवं ईमानदारी की शपथ दिलायी. इनमें डॉ विपिन कुमार, डॉ सुबोध कुमार सिंह, डॉ चंद्रशेखर सिंह, डॉ कन्हैया प्रसाद राय, डॉ पुष्पा सिन्हा, डॉ रणविजय प्रसाद देव, डॉ मोहन लाल महतो, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ कौशल कुमार, डॉ श्रीकांत सिन्हा, डॉ रामाशंकर मणि त्रिपाठी, डॉ अरविंद कुमार सिंह एवं अनिल कुमार शामिल हैं. बालानंद संस्कृत कॉलेज देवघर में नामांकन नहीं होने के कारण यहां से कोई शिक्षक चुन कर नहीं आये.
12वीं बैठक
सिनेट की बैठक का पहला एजेंडा 12वीं बैठक में लिये गये निर्णय की संपुष्ट करने का था. इसमें एक मुद्दे पर सदन में लगभग तीन घंटे तक काफी बहस चला. सिनेटर प्राचार्य डॉ रेखा रानी ने विरोध जताते हुए कहा कि 12वीं सिनेट की बैठक में डॉ डीके मंडल सदस्य नहीं थे.
बावजूद इनके प्रस्ताव को शामिल किया गया. ये बैठक में शामिल भी हुए. इनके प्रस्ताव पर सदन निर्णय भी लिया और विश्वविद्यालय में निर्णय पर अधिसूचना भी जारी कर दी. इस अधिसूचना के तहत कॉलेज के प्रो इंचार्ज, परीक्षा नियंत्रक एवं बर्सर को अतिरिक्त मिलनेवाली राशि को बढ़ा कर तीन हजार कर दिया गया. डॉ रेखा रानी ने कहा कि जब डॉ डीके मंडल सदस्य ही नहीं थे तो इनके प्रस्ताव एवं निर्णय को हटाते हुए 12वें बैठक में लिए गये निर्णय को संपुष्ट किया जाये. डॉ डीके मंडल सदस्य हैं अथवा नहीं इस पर लंबी बहस चली. अंतत: कुलपति को सदन ने मामले की सत्यता के लिए अधिकृत किया. इस लंबी कार्यवाही से क्षुब्ध सीनेटर डॉ चंद्रशेखर सिंह, पूर्व कुलपति डॉ केके नाग, पूर्व कुलपति डॉ एमपी सिंह, हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल, गांडेय विधायक जयप्रकाश वर्मा एवं डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो ने भी शिक्षकों से मर्यादित तौर पर बात करने को कहा.
स्टैिडंग कमेटी बनाइये
12वीं बैठक के निर्णय की संपुष्टि को लेकर सिनेटरों की बहस पर डॉ केके नाग ने कहा कि सदन में मुझे स्पष्ट गलतियां दिखाई दे रही है. सीनेट के लिए स्टैडिंग कमेटी बना दीजिये. जो रिकॉर्ड देख कर तय करे कि पिछले बैठक में क्या निर्णय हुआ है. सीनेट की कार्यवाही का रिकॉर्ड होना चाहिए. पूर्व कुलपति डॉ एमपी सिंह ने कहा कि सिनेटर तयशुदा कार्य के अनुरूप अपनी बातों को नहीं रख रहे हैं. इससे सदन की मर्यादा भंग होती है. सिनेटर सदन की मर्यादा रखते हुए अपनी बातों को मर्यादित तरीके से सदन के पटल पर रखें.
कार्रवाई नहीं होती, अच्छी बात नहीं
संपुष्टि में लंबी बहस को देख कर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है. यदि विश्वविद्यालय में बैठकें होती है और उस पर कार्रवाई नहीं होती तो यह विश्वविद्यालय के विकास के लिए अच्छा नहीं है. एक्शन टेकन कमेटी बनायी जाये. जो निर्णय के अनुरूप कार्रवाई की अनुशंसा करेगी. इस सदन में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है. यहां विद्यार्थी नहीं हैं. उनकी आवाज कोई नहीं उठाता. उनकी पढ़ाई उनके हित की चर्चा नहीं हो रही है. अगली बैठक में विद्यार्थियों की आवाज सीनेट में गूंजनी चाहिए. छात्र चुनाव होना चाहिए.
प्रयास सराहनीय
लंबी बहस से क्षुब्ध विधायक जयप्रकाश वर्मा ने कहा कि कुलपति महोदय का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयास सराहनीय है. लेकिन क्षेत्र में दृश्य अलग है. गिरिडीह के क्षेत्र में पड़ने वाले कॉलेजों का भ्रमण किया हूं. कॉलेज में विद्यार्थियों का नामांकन तो हो जाता है लेकिन विद्यार्थी नाम मात्र के ही पहुंचते हैं. सिर्फ कागजी रिपोर्ट से समस्या का हल नहीं होगा. ईमानदारीपूर्वक काम करना होगा. यहां सभी उच्च शिक्षा प्राप्त लोग हैं. कॉलेज में बच्चे कैसे आयें इस पर मंथन होना चाहिए. गिरिडीह कॉलेज गिरिडीह में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की जरूरत है.
समाधान की भी बात हो
विधायक जगन्नाथ महतो ने कहा कि सीनेट विद्वानों का सदन है. विधानसभा में भी विश्वविद्यालय के शिक्षा से संबंधित प्रश्न उठने पर जिम्मेवारी कुलपति पर डाल दी जाती है. यहां समस्या के साथ-साथ समाधान की भी बात होनी चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्री की पढ़ाई होनी चाहिए. अधिक से अधिक कॉलेज खुलने चाहिए. सीनेटर आशा लकड़ा ने कहा कि सीनेट में छात्र हित की बात नहीं हो रही है. यहां शिक्षक अपने हित की बात कर रहे हैं. बाहर गेट पर विद्यार्थी मुंह पर पट्टी बांध कर धरना पर बैठे हुए हैं. उनकी समस्या कैसे हल हो उस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. विभावि कुलपति ने पावर प्रेजेनटेंशन के माध्यम से ढ़ाई घंटे का भाषण दिया. लेकिन छात्रों की पढ़ाई क्लास रूम में कैसे हो, शिक्षक कैसे पढ़ायें इस पर कोई चर्चा नहीं हुई.
सिनेटर डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सीनेट की 13वीं बैठक में विश्वविद्यालय ने रणनीति के तहत समय को व्यतीत कर दिया. अभी 31 एजेंडा पड़ा हुआ है. इन एजेंडों पर बहस बाकी है. शून्य काल आधे घंटे का दिया गया है. इसे दो घंटा किया जाये या तो सीनेट की बैठक दूसरे दिन तक जारी रखी जाये. उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित 13 सदस्यों को प्रस्ताव देने का समय नहीं मिला है. आधे घंटे के शून्य काल में 13 सदस्यों द्वारा सभी प्रस्ताव नहीं डाले जा सकते हैं.
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