अजय कुमार ठाकुर@चौपारण
प्रखंड के चट्टी सहित विभिन्न पंचायतों में सैंकड़ों छठघाट हैं. जहां बड़ी संख्या में छठपर्व के अवसर पर छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करते हैं. सभी छठ घाटों का अलग-अलग महत्व है. जिसमें ताजपुर पंचायत के शिबाला स्थित छठ घाट का विशेष महत्व है. जहां दूर-दूर से छठव्रती भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पण करने बड़ी संख्या में जुटते हैं. लोगों का मानना है कि इस छठघाट में सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करने वालों को मनवान्छित फल की प्राप्ति होती है.
भारी संख्या में जुटती हैं नि:संतान महिलाएं
कहा जाता है कि कालांतर में इस छठघाट पर एक नि:संतान महिला ने सबसे पहले भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया था. चारों तरफ से वह संतान प्राप्ति के लिए इलाज एवं पूजा पाठ करके हार चुकी थी. ऐसा कहा जाता है कि उसकी उम्र करीबन 46 साल हो चुकी थी. उसके बाद उसने छठवर्त की शुरुआत इसी छठ घाट से की. महिला देर रात छठ तलाब में अकेले भगवान भास्कर की आराधना में लग जाती थी.
कंपकपाती ठंढ में भी वह महिला तालाब के पानी में भगवान की आराधना सब कुछ भूल कर करती थी. जब भगवान सूर्यदेव उदय होते थे. उन्हें अर्घ्य प्रदान करने बाद ही वह तालाब से बाहर निकलती थी. बताते है कि उसके बाद महिला को संतान की प्राप्ति हुई थी. तभी से इस छठघाट का महत्व दिन प्रति दिन बढ़ता गया.
तालाब के तट पर है मंदिर
इस छठ तालाब के तट पर भगवान सूर्यदेव, शिव एवं बजरंग बली का मंदिर है. जहां छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान करने के बाद पूजा-अर्चना करते हैं और फिर अपने-आपने घर के लिए प्रस्थान करते हैं.
प्रशासन रहती है मुश्तैद
छठ के दिन पूरी तरह से इस घाट पर प्रशासन की टीम मुश्तैद रहती है. बरही एसडीओ राजेश्वरनाथ आलोक, डीएसपी मनीष कुमार, बीडीओ अमित कुमार श्रीवास्तव, थाना प्रभारी सुदामा कुमार दास एवं रविवार को विधायक मनोज यादव, जीप सदस्य रामस्वरूप पासवान, मुखिया बिनोद सिंह, पंसस टुन्नू वर्णवाल, गोपाल प्रसाद केसरी, दिलीप केसरी, कुमार राहुल, प्रदीप केसरी, आदित्य चौरसिया, अशोक केसरी, रिक्की जैन, बिरेन्द्र रजक, धरम विश्वकर्मा, श्रवण केसरी सहित कई लोगों ने छठघाट का अवलोकन किया.
नहाय खाय के साथ छठव्रत शुरू
चौपारण – प्रखंड में छठमहा पर्व को लेकर चहल कदमी बढ़ गयी है. रविवार को नहाय खाय के साथ तीन दिवसीय छठवर्त शुरू हो गया. चारों तरफ छठ गीतों की धुन से चौपारण गूंज रहा है. मिट्टी के बर्तन, सूप, दउरा, सुपली, डलनी, फल फूल से बाजार सजने लगा है. पूरा क्षेत्र छठ के भक्ति में डूब चुका है.