इमरजेंसी सेवा चालू
सदर अस्पताल में सभी चिकित्सकों ने दी सेवाएं: डीएस डॉ कृष्ण कुमार
हजारीबाग : आएमए के आह्वान पर मंगलवार को हजारीबाग के चिकित्सक हड़ताल पर रहे. इस कारण जिला के सभी निजी नर्सिंग होम व क्लिनिक बंद रहे. हड़ताल के कारण मरीजों को इलाज काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि इमरजेंसी सेवा पूर्ववत जारी रखी गयी थी.
वहीं हजारीबाग सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने निर्धारित समय पर सेवा दी. इसमें ओपीडी, इमरजेंसी और भरती मरीजों का इलाज किया गया. सीएस डॉ विजय शंकर दास ने कहा कि जिले भर के सभी पीएचसी में चिकित्सकों ने सेवा दी. जिले में 72 चिकित्सक कार्यरत हैं. 22 चिकित्सक अनुबंध पर कार्यरत हैं. सभी चिकित्सकों ने सेवा दी. डीएस डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल की सूचना पर सदर अस्पताल में मंगलवार को मरीज कम पहुंचे. अस्पताल में आमदिनों की तरह चिकित्सकों ने अपनी सेवा दी. सदर अस्पताल में कुल 22 चिकित्सक पदस्थापित हैं. इनमें से कई चिकित्सक विभागीय पदाधिकारी भी हैं.
बरही में मना काला दिवस, ओपीडी में सन्नाटा
बरही. नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल के विरोध में बरही अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार को काला दिवस मनाया. अस्पताल के ओपीडी को एक दिन के लिए बंद रखा. इस दौरान चिकित्सकों को लाभ नहीं मिल पाया. अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ प्रकाश ज्ञानी, डॉ अनुभा, डॉ मणितोष, डॉ आरके जायसवाल ने आंदोलन के समर्थन में नारेबाजी की. आंदोलन के कारण ओपीडी में सन्नाटा पसरा रहा. चिकित्सा प्रभारी डॉ प्रकाश ज्ञानी ने बताया कि यह विरोध कार्यक्रम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर हुआ है. एसोसिएशन का मानना है कि मेडिकल काउंसिल अॉफ इंडिया के ढांचे व नियमावली में बदलाव करने के लिए सरकार नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल ला रही है, जो व्यवहारिक नहीं है. मेडिकल सिस्टम को नुकसान पहुंचानेवाली है.
दंत चिकित्सक हड़ताल में शामिल
हजारीबाग. आइएमए के राष्ट्रीय आह्वान पर चिकित्सकों के एकदिवसीय हड़ताल का दंत चिकित्सकों ने समर्थन किया है. फैमिली डेंटल क्लिनिक के डॉ राजीव कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि चिकित्सकों की मांगें उचित है. सरकार को अपना बिल वापस लेना चाहिए.
आइएमए हजारीबाग इकाई के सचिव डॉ रजत चक्रवर्ती ने कहा कि राष्ट्रीय आह्वान पर आइएमए के सभी सदस्य चिकित्सकों ने मंगलवार को काला दिवस मनाया. उन्होंने कहा कि मानवता को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी सेवा जारी रखी गयी थी. कहा कि सरकार चिकित्सक विरोधी कानून को जल्द वापस ले.