अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने पर ग्रामीणों ने किया हंगामा चैनपुर(गुमला). चैनपुर प्रखंड मुख्यालय के संत अन्ना स्कूल के पास बुधवार की रात 8.30 बजे भीषण हादसा हुआ. मोटरसाइकिल सवार तीन युवक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गये, जिसमें तीनों को गंभीर स्थिति को देखते हुए चैनपुर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. परंतु अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे. अस्पताल के कर्मियों ने मलहम पट्टी किया. परंतु अस्पताल में ही 30 वर्षीय संजीत टोप्पो की मौत हो गयी, जबकि 35 वर्षीय सुजीत लकड़ा उर्फ पैकरा व 30 वर्षीय विमल मिंज को बेहतर इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल रेफर किया गया. तीनों युवक जारी प्रखंड के डिपा असरो गांव के हैं. इधर चैनपुर अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने व युवक संजीत टोप्पो की मौत के बाद परिजनों न ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया. किसी प्रकार मामला को शांत कराया गया. स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले साबित : पांच दिन पहले ही अस्पताल में चार डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. सीएस डॉ शंभूनाथ चौधरी खुद चैनपुर अस्पताल जाकर सभी की प्रतिनियुक्ति कराये थे. साथ ही चैनपुर में अब 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा मिलने का दावा किये थे. परंतु पांच दिन में ही चैनपुर अस्पताल की पोल खुल गयी और युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले साबित हुए. ग्रामीणों ने बताया कि जब हमलोगों ने घायलों को अस्पताल लाये. उस समय एक भी डॉक्टर नहीं थे. अगर डॉक्टर रहते और समय पर इलाज होता तो संजीत टोप्पो की जान बच सकती थी. हालांकि डॉक्टर के नहीं रहने की शिकायत रात को ही लोगों ने सीएस को फोन कर दी थी. इधर चैनपुर के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर की ड्यूटी हो, ऐसी व्यवस्था की जाये.
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