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आंजनधाम में न नक्सली खौफ और न कोई भय

गुमला से 21 किमी दूर पहाड़ व जंगलों के बीच स्थित आंजनधाम रविवार को रामभक्तों से पटा हुआ था. यह इलाका पूरी तरह घोर उग्रवाद प्रभावित है.

गुमला. गुमला से 21 किमी दूर पहाड़ व जंगलों के बीच स्थित आंजनधाम रविवार को रामभक्तों से पटा हुआ था. यह इलाका पूरी तरह घोर उग्रवाद प्रभावित है. रविवार को तेज धूप थी. धूप से कंठ सूख रहे थे. फिर भी लोगों में उत्साह था. हनुमान की जन्मस्थली आंजनधाम जयश्री राम व बजरंग बली के नारों से गूंज उठा. आंजनधाम में हजारों भक्तों ने माथा टेका. सुख शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना की. अवसर था महारामनवमी पर्व का. सुबह छह बजे से ही भक्तों की भीड़ पहाड़ की चोटी पर स्थित मुख्य मंदिर व आंजन गांव के मंदिर में उमड़ने लगी थी. देर शाम तक पूजा पाठ का दौर चला. अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भक्तों की भीड़ काफी देखी गयी. न नक्सली खौफ न किसी का भय. भक्त बेखौफ अंजनी मां व हनुमान के दरबार पहुंचे. क्या वृद्ध, पुरुष, बच्चें, महिला और क्या युवक सभी दो किमी पैदल चलकर मुख्य मंदिर पहुंचे. कुछ लोग वाहन से पहाड़ पर चढ़े. लोगों ने भक्तिभाव के साथ पूजा पाठ किया. इस वर्ष मुख्य मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. माता अंजनी की गोद में बैठे बालक हनुमान को आकर्षक ढंग से शृंगार किया गया था. अंजनी लाल के दर्शन कर भक्त खुश नजर आये. आंजन का पूरा जंगल घंट, शंख की आवाज से गूंज उठा. पवन पुत्र हनुमान, माता अंजनी की जय, जय श्रीराम, जय बजरंग बली आदि नारों से पूरा वातावरण गूंजता रहा.

208 वर्षों से हो रही पुराने अस्त्र शस्त्र की पूजा

आंजन गांव में प्राचीन अखाड़ा है. यहां 208 वर्षो से पूजा करने की प्राचीन परंपरा जीवित है. परंपरा के अनुसार आदिवासी समाज के लोग यहां हनुमान की तरह लंगोटा बांधकर पूजा करते हैं. पूजा करने वालों ने बताया कि यहां हमारे पूर्वजों ने भगवान हनुमान की पूजा शुरू की थी. पुराने अस्त्र शस्त्र की पूजा की भी प्राचीन परंपरा है. लगभग 208 वर्षो से यहां पूजा हो रही है. पहले हमारे बाप दादा करते थे. अब हमलोग इसे जीवित रखे हैं. हमारे बाद आने वाली पीढ़ी यहां पूजा पाठ करेंगे.

मेला में बही भक्ति की बयार

आंजनधाम समिति के विक्की सोनी ने कहा कि आंजन गांव में ऐतिहासिक रामनवमी मेला का उद्घाटन पांच बजे किया गया. मेला में हजारों लोगों ने भाग लिया और एक स्वर में हनुमान का जयघोष किया. मेला में आये लोगों ने पहले भगवान हनुमान व अन्य देवी देवताओं के दर्शन कर पूजा पाठ किये. इसके बाद मेला में घूमकर खूब मनोरंजन किया. मेला देर रात तक चला. मेला में आंजन, कांसीटोली, चीरोडीह, ऊपर आंजन, जेना, डुमरडीह, गढ़टोली, हुरहुरिया, चुगली, हरनाखाड़, मरवा, गानी, चैनपुर, सेमरडीह, दाड़टोली, डुमरला, श्रीपुर, बेहराटोली, कुलही, मड़वा, माड़ापानी, बेतरटोली गांव के लोग भाग लिए.

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