सिसई. सिसई प्रखंड की भुरसो पंचायत स्थित लावागाई टंगराटोली गांव के ग्रामीण आज भी पेयजल से वंचित है. वर्षों पुराना कुआं धंसने से उन्हें दो किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है. आज भी प्रखंड के कई गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही हाल सिसई प्रखंड के लावागाई टंगराटोली गांव का है, जहां आज तक सरकार शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं कर पायी है. गांव में वर्षों पहले खोदा गया कुआं ग्रामीणों के लिए पानी का मुख्य स्रोत था. लेकिन भारी बरसात से बीते सप्ताह वह कुआं धंस चुका है. इससे ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. गांव की महिलाएं व बच्चे रोजाना दो किमी दूर लावगाई स्थित आंगनबाड़ी केंद्र से पानी लाने को विवश हैं. दिन भर की मेहनत के बाद भी उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. गर्मी के मौसम में हालात और गंभीर हो जाते हैं. क्योंकि दूर-दराज से लाया गया पानी जल्द खत्म हो जाता है.
पानी की समस्या से रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि पानी की समस्या से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है. साथ ही बीमार होने का भय बना रहता है. खेती-बारी से लेकर घरेलू कामकाज तक सब कुछ पानी पर निर्भर है. लेकिन पर्याप्त सुविधा नहीं होने से सब काम ठप पड़ जाता है. ग्रामीण दिनेश पांडे, मिथिलेश साहू, मांगो उरांव, मिथिलेश साय, सोनी देवी ने बताया कि उन्होंने कई बार पंचायत व जिला प्रशासन को समस्या से अवगत कराया. तीन साल पहले प्रभात खबर में भी समस्या प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी. लेकिन प्रशासन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया. योजनाओं की घोषणाएं होती हैं, लेकिन जमीन पर उसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों की शिकायत है कि नल-जल योजना व हैंडपंप जैसी सुविधाएं कागजों में सीमित रह गयी हैं. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि आजादी के बाद से अब तक कई सरकारें आयी और गयी. लेकिन पानी की समस्या जस की तस बनी है. बच्चे स्कूल जाने के बजाय पानी ढोने में समय गंवा देते हैं. महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. क्योंकि घर के हर छोटे-बड़े काम के लिए उन्हें पानी पर निर्भर रहना पड़ता है. ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से तत्काल स्थायी समाधान करने की मांग की है.
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