मंडल कारा गुमला में बुधवार को 275 कैदियों की टीबी जांच कर की गयी स्क्रीनिंग
प्रतिनिधि, गुमला
गुमला जेल में बंद विचाराधीन 67 कैदियों में यक्ष्मा बीमारी के लक्षण पाये गये हैं. जेल में बंद 275 कैदियों की जांच की गयी, जिसमें 67 कैदियों में लक्षण मिले हैं. इसके बाद यक्ष्मा विभाग हरकत में आया और उनके इलाज व दवा की व्यवस्था की है. बुधवार को मंडल कारा गुमला में यक्ष्मा जागरूकता सह स्क्रीनिंग कार्यक्रम रखा गया. अध्यक्षता जिला यक्ष्मा पदाधिकारी गुमला डॉ केके मिश्रा द्वारा किया गया. मंडल कारा गुमला के डॉक्टर केएम बोदरा की जांच टीम ने एचआइवी, सिकल सेल, सिफलिस व एसटीआइ आदि की जांच की. दो दिनी शिविर में बुधवार को चार वार्ड के 275 कैदियों की स्क्रीनिंग हो पायी, जिसमें 67 कैदियों को संभावित यक्ष्मा के लक्षण पाये गये. उन्हें जांच के लिए सहिया मीना देवी द्वारा 21 अगस्त की सुबह बलगम संग्रह किया जायेगा. डॉ केके मिश्रा ने सभी कैदियों को टीबी बीमारी के लक्षण और उसके प्रोत्साहन के बारे में बताया. टीबी मुक्त भारत अभियान 2025 के तहत जो जांच हो रही हैं. उन बीमारी के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला. मंडल कारा गुमला के डॉ केएम बोदरा ने बताया गया कि अभी वर्तमान में दो टीबी के रोगी दवा खा रहे हैं. क्योंकि यह फैलने वाली बीमारी है. इसलिए सभी को एक बार जांच करायी जा रही है. उन्हें एक्स-रे की भी सुविधा फ्री में करने की व्यवस्था की जायेगी. जांच टीम में राजेश उरांव, संजय प्रियदर्शी, धनेश्वर महतो, रिजवान अख्तर, तौफिक आलम, उदय प्रताप ओहदार, मुकेश कुमार सिंह, सुधांशु मिश्रा मौजूद थे.
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