गुमला. जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की प्रबंधकीय समिति एवं न्याय परिषद की बैठक शुक्रवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जिले के खनिज प्रभावित क्षेत्रों के समावेशी व सतत विकास के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया. साथ ही डीएमएफटी के अंतर्गत सामाजिक सरोकार से जुड़े निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया. उपायुक्त ने कहा कि खनिज प्रभावित क्षेत्र के रूप में पूर्व से चिह्नित गांवों के अतिरिक्त अब पत्थर, बालू उत्खनन क्षेत्र एवं ईंट-भट्ठा प्रभावित क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इस विस्तार के साथ अब कुल 123 गांव खनिज सघन क्षेत्र के अंतर्गत आ चुके हैं. उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि डीएमएफटी के अंतर्गत प्राप्त निधि का उपयोग ऐसे निर्माण कार्यों में किया जायेगा, जिससे स्थानीय नागरिकों को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हो सके. जनप्रतिनिधियों व सदस्यों ने सड़क निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य भवन, विद्यालय भवन, पुल निर्माण व नहर आदि समस्याओं से उपायुक्त को अवगत कराया. उपायुक्त ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे ग्रामसभा का आयोजन कर ग्रामीणों की सर्वसम्मति से लिखित प्रस्ताव तैयार करें. उस पर शीघ्र कार्रवाई की जायेगी. उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि खनन से संबंधित समस्त जानकारी सभी सदस्यों को दी जाये, ताकि उन्हें अपने क्षेत्रों में हो रहे वैध व अवैध खनन की जानकारी हो और अवैध खनन की पहचान कर उस पर रोक लगायी जा सके. उपायुक्त ने सदस्यों से अपील की कि यदि उन्हें अवैध खनन से संबंधित कोई जानकारी प्राप्त होती है, तो उसे शीघ्र प्रशासन के संज्ञान में लायें. उपायुक्त ने घाघरा व बिशुनपुर प्रखंड अंतर्गत पाट क्षेत्रों में संचालित योजनाओं को समय पर पूरा करने, आवासीय विद्यालयों व छात्रावासों में शौचालय निर्माण तथा भवनों की मरम्मत संबंधी प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
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