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प्रभात खबर विशेष : गुमला के नशा विमुक्ति केंद्र में पहुंचने लगे बीमार, अब डॉक्टर का है इंतजार

गुमला का नशा विमुक्ति केंद्र उद्घाटन के तीन महीने बाद भी एक अदद डॉक्टर का इंतजार है. नशे के शिकार लोगों के लिए सफेद हाथी के दांत की तरह नशा विमुक्ति केंद्र साबित हो रहा है. तीन महीने में तीन दर्जन लोग केंद्र पहुंच चुके हैं.

गुमला, जगरनाथ पासवान : गुमला का नशा विमुक्ति केंद्र नशे के शिकार लोगों के लिए सफेद हाथी के दांत की तरह साबित हो रहा है. आनन-फानन में गुमला में नशा विमुक्ति केंद्र का उदघाटन तो कर दिया गया. लेकिन,उक्त केंद्र नशे के शिकार लोगों को नशा से छुटकारा दिलाने में असमर्थ साबित हो रहा है. असमर्थ साबित इसलिए हो रहा है. क्योंकि अभी तक केंद्र में डॉक्टर की सुविधा बहाल नहीं हो सका है. केंद्र पहुंचने वाले लोगों को अब डॉक्टर का इंतजार है.

गुमला के पुराने प्रखंड सह अंचल कार्यालय को नशा विमुक्ति केंद्र बनाया

बता दें कि गुमला में पुराने प्रखंड सह अंचल कार्यालय को नशा विमुक्ति केंद्र बनाया गया है. जिसका संचालन प्रज्वलित विहार रांची संस्थान द्वारा किया जा रहा है. केंद्र का प्रायोजक महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग है. केंद्र में नशा के शिकार लोगों को प्रत्येक दिन 24 घंटे डॉक्टर परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, नि:शुल्क उपचार और दवाईयां, पुन: शिक्षा सत्र, योग सत्र, परिवारिक शिक्षा एवं स्वयं सहायता समूह का गठन और समाज में पुन: एकीकर जैसी सुविधाएं दी जानी है.

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उद्घाटन के तीन महीने बाद भी डॉक्टर की सुविधा नहीं

इधर, केंद्र का उदघाटन विगत 18 मई को गुमला जिला के स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया है. 18 मई को उदघाटन के बाद तीन महीने गुजर चुका है. लेकिन, अभी तक केंद्र में डॉक्टर की सुविधा बहाल नहीं हो सका है. वहीं, इन तीन महीने में लगभग तीन दर्जन लोग केंद्र पहुंच चुके हैं. जिसमें लगभग 20 लोगों ने केंद्र में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि बाकी के लोग केंद्र पहुंचने के बाद केंद्र में नशा से छुटकारा दिलाने के लिए किये जाने वाले उपचार के बारे में जानकारी लेकर वापस लौट चुके हैं.

बेटा तो किसी का पति नशेड़ी

केंद्र में पहुंचने वाले लोगों में किसी का बेटा नशेड़ी है, तो किसी का पति नशे की गिरफ्त में है. जिसे नशा से छुटकारा दिलाने के लिए परिवार लोग अपनी व्यथा लेकर नशा विमुक्ति केंद्र पहुंचने लगे हैं. परंतु केंद्र में डॉक्टर की सुविधा बहाल नहीं होने के कारण ऐसे लोगों को केंद्र से निराशा हाथ लग रही है. जिस कारण लोग सिर्फ उचित परामर्श प्राप्त करने के बाद बैरंग लौट जा रहे हैं.

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क्या कहते हैं केंद्र के कर्मी

केंद्र के कर्मी अरविंद कुमार ने बताया कि लोग केंद्र आ रहे हैं. प्राय: लोगों द्वारा हड़िया, दारू, गांजा, टैबलेट जैसी चीजों का नशा करने की शिकायत की जा रही है. ऐसे लोगों की काउंसलिंग किया जा रहा है और उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया जा रहा है. डॉक्टर के आने के बाद ऐसे लोगों से संपर्क कर केंद्र बुलाया जायेगा. ताकि उनके घर में नशा से प्रभावित का उपचार किया जा सके.

युवा वर्ग नशा से जकड़े हुए हैं

गुमला में तेजी से नशा का कारोबार फैला है. आज से पांच साल पहले तक गुमला में हड़िया, महुआ दारू, चुलैया दारू बिकता था. कुछ बहुत गांजा बिकता था. परंतु, अब कोरेक्स, अफीम, डोडा जैसे नशा का कारोबार भी गुमला में शुरू हो गया है. खासकर, गुमला के युवा इस नशा से जकड़े हुए हैं. स्कूली बच्चे भी इसके गिरफ्त में आ रहे हैं. ऐसे में नशा विमुक्ति केंद्र का लाभ नहीं मिलने से नशा में जकड़ रहे युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने में परेशानी हो रही है.

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