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Prabhat Khabar Impact: गुमला के टुटुवा गांव की समस्या पर मंत्री चंपई सोरेन ने लिया संज्ञान, DC को निर्देश

प्रभात खबर डॉट कॉम में प्रकाशित खबर का असर हुआ है. झारखंड के मंत्री चंपई सोरेन ने संज्ञान लेते हुए गुमला के टुटुवा गांव की समस्या दूर करने का निर्देश डीसी को दिया. साथ ही कहा कि विलुप्त हो रही जनजातियों के संरक्षण के लिए प्रशासन काम करे.

Prabhat Khabar Impact: गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखंड के टुटुवापानी गांव की समस्या से संबंधित समाचार प्रभात खबर डॉट कॉम (Prabhat Khabar.Com) में प्रकाशित होने के बाद उसका असर हुआ है. झारखंड के मंत्री चंपई सोरेन ने मामले में संज्ञान लेते हुए गुमला डीसी सुशांत गौरव को गांव की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया है. साथ ही मंत्री ने कहा है कि गुमला डीसी इन ग्रामीणों की सहायता करें. इनके जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. कहा कि विलुप्त प्राय: जनजातियों के संरक्षण के लिए कई सरकारी योजनाएं हैं. जिसका लाभ जनजातियों को दिलाने का प्रयास करें. मंत्री के संज्ञान में आने के बाद गुमला डीसी सुशांत गौरव ने कहा है कि मामले को वे नोट कर लिये हैं.

धर्म बदल लिये बृजिया जनजाति के लोग

टुटुवापानी गांव के विकास से सरकार व प्रशासन मुंह मोड़े हुए है. टुटुवापानी गांव बिशुनपुर प्रखंड में आता है, जो जंगल व पहाड़ों के बीच अविस्थत है. इस गांव में करीब 70 परिवार है. जिसमें विलुप्त प्राय: आादिम जनजाति बृजिया, मुंडा व उरांव परिवार है. इस गांव में रहने वाले बृजिया जनजाति अब विलुप्त के कगार पर हैं. क्योंकि गरीबी व सरकारी सुविधा नहीं मिलने के कारण आदिम जनजाति अपना धर्म बदल लिये हैं. दूसरी जनजाति भी धीरे-धीरे धर्म बदल रहे हैं. इसकी जानकारी गुमला प्रशासन को है. जनप्रतिनिधियों को भी है. परंतु, इसपर रोक लगाने की पहल नहीं हो रही है.

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टुटुवापानी गांव में मूलभूत सुविधाओं का है अभाव

टुटुवापानी गांव में शौचालय नहीं है. लोग खुले में शौच करते हैं. महिलाओं को भी खुले खेत में जाना पड़ता है. स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं है. लोग झोलाझाप डॉक्टर से इलाज कराते हैं. या तो फिर अपनी सुविधा पर बनारी व बिशुनपुर इलाज कराने जाना पड़ता है. गरीबों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है. सभी लोगों का घर कच्ची मिटटी का है. गांव की सड़कें भी कच्ची है. बरसात का पानी सड़क पर जमा रहता है. गांव में जलमीनार बना है. परंतु बरसात के दिनों में जलमीनार से पानी नहीं मिलता है. बृजिया सामुदाय के लोगों को एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता है.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

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