गुमला. रायडीह प्रखंड की कोब्जा पंचायत अंतर्गत रमजा आंवरालोंगरा गांव के ग्रामीण वर्षों से सड़क व बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं. गांव को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग जर्जर है. कहीं यह खेतों की पगडंडी में तब्दील हो गया है, तो कहीं उबड़-खाबड़ होकर गड्ढों और नालों से भरा पड़ा है, जिससे आवागमन करने में परेशानी हो रही है. गांव में बिजली की स्थिति भी बदहाल है. खंभे, तार व ट्रांसफाॅर्मर लगाये जाने के बावजूद बीते कई महीनों से ट्रांसफाॅर्मर खराब पड़ा है, जिससे पूरे गांव में अंधेरा पसरा हुआ है. जंगल की तराई में बसे इस गांव में रात के समय जंगली जानवरों, सांप व जहरीले कीड़े-मकोड़ों का भय बना रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि रमजा आंवरालोंगरा गांव रायडीह प्रखंड मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर चट्टानी और वन क्षेत्र में स्थित है. आंवरा लोंगरा गांव के चार टोले बुचीडाड़ी, आंवरालोंगरा, गलगुटरी व नवाटोली में कुल करीब 500 की आबादी निवास करती है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पूर्व में उन्होंने तत्कालीन उपायुक्त से पेयजल, सड़क और बिजली की समस्या को लेकर गुहार लगायी थी. इसके बाद गांव में दो चापानल लगाये गये और बिजली आपूर्ति के लिए नया ट्रांसफाॅर्मर लगाया गया, लेकिन वर्तमान में वह ट्रांसफाॅर्मर खराब होने से बिजली आपूर्ति ठप है. अपनी समस्याओं को लेकर गांव के लोग शुक्रवार को उपायुक्त गुमला के साप्ताहिक जनशिकायत निवारण दिवस में पहुंचे और खराब सड़क के निर्माण तथा ट्रांसफाॅर्मर की मरम्मत या बदलने की मांग की. ग्रामीणों ने उम्मीद जतायी है कि प्रशासन जल्द उनकी समस्याओं का समाधान करेगा.
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