गुमला. गुमला जिले की सबसे बड़ी सिंचाई योजना चैनपुर प्रखंड के नवगाई में है. योजना का नाम अपर शंख जलाशय है. इस योजना में पौने दो अरब से अधिक पैसे खर्च हो गये, परंतु किसानों को जलाशय का लाभ नहीं मिल रहा है. किसानों की समस्या को देखते हुए गुमला विधायक भूषण तिर्की ने सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान जलाशय का मुद्दा उठाते हुए किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने की मांग की है. विधायक ने कहा है कि चैनपुर व डुमरी सीमा पर बने अपर शंख जलाशय परियोजना का निर्माण हुए 40 वर्ष गुजर गये हैं. परंतु स्थानीय किसानों को राइट कैनाल से खेतों तक पानी नहीं मिल रहा है. इस कारण किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विधायक ने कहा है कि सदन के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि अपर शंख जलाशय परियोजना का विस्तारीकरण कर जल्द से जल्द सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाये, जिससे फसलों की अच्छी पैदावार हो सके.
डेढ़ अरब रुपये खर्च, फिर भी खेत सूखे
वर्ष 1983-1984 में अपर शंख जलाशय योजना की शुरुआत 20 लाख रुपये से शुरू हुई थी. आज के डेट में पौने दो अरब रुपये की योजना हो गयी. जल संसाधन विभाग का पूरा तंत्र इस योजना को पूरा करने में लगा हुआ था. काम जैसे-तैसे पूरा हुआ. परंतु आज भी इस इलाके के लोग सिंचाई के अभाव में पलायन कर रहे हैं. विभाग की माने, तो योजना पूर्ण है. इसके बाद भी इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. ऐसे कई बार यहां के इंजीनियर घपले घोटालों के कारण सुर्खियों में रहे हैं. ऐसे बरसात में डैम व नहर में पानी रहता है. परंतु जैसे बरसात खत्म होती है, नहर व नहर के बगल के खेत सूखे नजर आते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

