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गुमला के रुद्रपुर में बसते हैं भगवान भोलेनाथ, प्राचीन मंदिर में हैं अनिगनत शिवलिंग

गुमला जिले में जारी प्रखंड के रुद्रपुर गांव को भगवान भोलेनाथ का वास स्थल कहा जाता है. जानें क्या-क्या हैं इस गांव में. कैसे गांव का नाम पड़ा रुद्रपुर.

जारी (गुमला), जयकरण महतो : गुमला जिले के जारी प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत में एक गांव है- रुद्रपुर. इस गांव को शिव भगवान के वास स्थल के रूप में देखा जाता है. यहां प्राचीन शिव मंदिर है. कहा जाता है कि मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. यहां अनगिनत शिवलिंग हैं. गांव के अलग-अलग स्थानों पर शिवलिंग को देखा जा सकता है. इसलिए रुद्रपुर मंदिर से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है. रुद्रपुर के लोग कहते हैं कि करीब एक हजार वर्ष पूर्व रुद्र प्रताप सिंह नामक राजा इस रास्ते से गुजर रहे थे. उसी समय रुद्रपुर गांव के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर यहां रुक गये. उन्होंने देखा कि बूढ़ा महादेव में शिवलिंग है. उन्होंने यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराने के बारे में सोचा. उन्होंने अपने सेनापति को वहां मंदिर का निर्माण करने का आदेश दिया.

Rudrapur Gumla Jharkhand
प्राचीन शिव मंदिर में में विराजे भगवान भोलेनाथ. फोटो : प्रभात खबर

औरंगजेब ने मंदिर को करवा दिया था ध्वस्त

मंदिर से कुछ ही दूरी पर राजा रुद्र प्रताप सिंह ने एक राजमहल भी बनवाया. राजा रुद्र प्रताप सिंह ने ही उस गांव का नाम रुद्रपुर रखा. उसी समय शिवगुटरा मंदिर, देउर महादेव, बूढ़ा महादेव को भी स्थापित किया. कुछ वर्षों बाद मुगल बादशाह औरंगजेब इस रास्ते से गुजरे, तो उसकी नजर इस भव्य मंदिर पर पड़ी. औरंगजेब ने मंदिर और राजमहल को तोड़ने का आदेश दे दिया. औरंगजेब के आदेश पर मंदिर और राजमहल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया. शिवलिंग को इधर-उधर फेंक दिया गया. यही वजह है कि रुद्रपुर गांव के चारों ओर जहां-तहां शिवलिंग बिखरे हैं.

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रुद्रपुर के पूर्वजों ने फिर से शिवलिंग को स्थापित कराया

उस जमाने में लोगों ने जहां जिस शिवलिंग को देखा, उसे वहीं स्थापित कर दिया. कुछ वर्षों बाद रुद्रपुर के पूर्वजों में विक्रम सिंह, ठाकुर प्रसाद सिंह, रामप्रसाद सिंह, शिव प्रसाद सिंह ने ध्वस्त मंदिर को खोदकर वहां की मिट्टी हटाकर शिवलिंग को निकाला और फिर से उसकी स्थापना की. यहां पर अभी भी मंदिर के ध्वस्त होने के बाद कई शिवलिंग के दबे होने की संभावना है. अगर खुदाई की जाये, तो यहां से कई प्राचीन धरोहर निकल सकते हैं.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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